1. सनातन धर्म में ऐसी 5 तिथियों का जिक्र किया गया है, जब घर में तवा चढ़ाना या रोटी बनाना वर्जित माना गया है।
2. माना जाता है कि यदि इन तिथियों में घर में रोटी बनाई जाती है या फिर चूल्हे पर तवा चढ़ाया जाता है तो, धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और आपके घर से हमेशा के लिए जा सकती हैं। आपके घर में अन्न-धन की कमी हमेशा बनी रह सकती है।
3. दिवाली की तिथि भी ऐसी ही तिथि ही इस दिन भी घर में रोटी नहीं बनाई जाती। इस दिन भी तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।
4. नागपंचमी के पर्व पर चूल्हे पर तवा चढ़ाना या रोटी बनाना अच्छा नहीं माना जाता। दरअसल शास्त्रों में तवे को राहु का प्रतीक माना गया है। इसलिए नागपंचमी के दिन तवा नहीं चढ़ाया जाता। ज्यादा ही जरूरी है तो कढ़ाई या पतीले में रोटी बनाई जा सकती है।
5. शरदपूर्णिमा की तिथि पर भी घर में रोटी बनाना या तवा चढ़ाना वर्जित माना गया है। दरअसल मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसीलिए घर में इस दिन कच्चा खाना नहीं बनाया जाता। इस दिन घर में खीर-पूरी बनानी चाहिए और खीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने के बाद प्रसाद स्वरूप खानी चाहिए।
6. शीतला अष्टमी की तिथि पर बांसे खाने का भोग लगाकर उसे ही प्रसाद स्वरूप खाने का चलन है। इस दिन खाना नहीं बनाया जाता, बल्कि एक दिन पहले की शाम को ही पकवान तैयार किए जाते हैं।
7. शास्त्रों में बताया गया है कि किसी की मृत्यु होने पर भी घर में रोटी नहीं बनाई जाती। 13हवें संस्कार के बाद ही घर में रोटी बनाई जा सकती है।
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