किराया आपस में तय करेंगे
मकान का किराया मालिक और किरायेदार(House Rent Rules) आपसी सहमति से तय करेंगे। हर साल किराया वृद्धि भी तय करेंगे। उसका जिक्र एग्रीमेंट में होगा। किरायेदार की मौत होने पर उत्तराधिकारी एग्रीमेंट के अनुसार देनदारी चुकाएंगे।किरायेदारों के लिए ऐसा…
-एग्रीमेंट खत्म होते ही मकान खाली न करने पर किरायेदार को पहले दो माह में दोगुना और तीसरे माह से चार गुना किराया देना होगा।-निवास के लिए मकान किराए पर लेने पर दो माह का एडवांस किराया देना होगा।
-कारोबार के लिए प्रॉपर्टी किराए पर ली है तो 6 माह का एडवांस किराया देना होगा।
-किरायेदार एक ही परिसर में दूसरे किराएदार नहीं रख सकेगा।
मरम्मत और रखरखाव दोनों कराएंगे
मकान मालिक और किराएदार का एग्रीमेंट पंजीकृत और कानून के दायरे में होगा। अभी सामान्य स्टांप पर होता है। सामान्य टूट-फूट की मरम्मत के लिए मकान मालिक और किराएदार दोनों जिम्मेदार होंगे। किरायेदार के मना करने मकान मालिक सिक्योरिटी राशि से पैसे काटकर तो मकान मालिक के इनकार पर किरायेदार किराए से पैसा काटकर मरम्मत कराएगा।मकान मालिक के लिए ऐसी व्यवस्था
● विवाद होने पर नल कनेक्शन, गैस सप्लाई, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियां, पार्किंग, स्वच्छता सेवा और बिजली सहित अन्य जरूरी सेवाआएं मालिक बंद नहीं कर सकेंगे।● मकान मालिक को एग्रीमेंट खत्म होने से पहले परिसर खाली कराने के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास अपील करनी होगी। एग्रीमेंट रिन्युअल को एक माह पहले प्राधिकारी के पास आवेदन देना होगा।
● मकान खाली करने पर मालिक, किरायेदार को सुरक्षा निधि उसी दिन वापस करेगा।