इससे पहले करणी सेना परिवार ने मांगें नहीं मानने पर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी, हालांकि बाद में प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे बातचीत का समय मांगा, जिसके बाद फिलहाल प्रस्तावित विधानसभा घेराव टाल दिया गया है। विधानसभा घेराव की चेतावनी के बाद वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जीवन सिंह ने कहा है कि भूख हड़ताल पर सिर्फ 5 लोग बैठेंगे। उन्होंने मंच से कहा कि जिसे जाना हो वो खुशी से जा सकता है, लेकिन कहीं भी तोड़फोड़ और उद्दंडता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
जीवन सिंह ने कहा कि हमने मांगें पूरी करने के लिए 4 बजे तक का समय दिया था। इस पर सरकार ने हमसे समय मांगा है। हमने उन्हें समय दिया है। इसके साथ ही हम अपना अनशन शुरू कर रहे हैं। हम यहीं बैठेंगे। तब तक मैदान नहीं छोड़ेंगे, जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी।
करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत 5 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
पांच राज्यों से कार्यकर्ता पहुंचे
प्रदर्शन में मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता ‘माई के लाल’ और ‘जय भवानी’ के नारे लगाते नजर आए। प्रदर्शन के लिए शनिवार रात से ही लोग भोपाल के जंबूरी मैदान पर जुटना शुरू हो गए थे। सुबह होते होते पूरा मैदान करणी सेना के कार्यकर्ताओं से भर गया। पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों का ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। भारी भीड़ से कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी।
ग्वालियर के करणी सैनिकों ने जीवन सिंह शेरपुर को गदा भेंट की।
मिलने पहुंचे पुलिस अधिकारी
एडिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा करणी सेना के प्रतिनिधिमंडल से बात करने पहुंचे। इस दौरान जीवन सिंह शेरपुर से कहा कि राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए आने के लिए तैयार है। इस पर शेरपुर ने कहा कि हमें आश्वासन नहीं चाहिए, लिखित में आदेश चाहिए। ऐसा व्यक्ति हमसे मिलने आए जो कुछ लिखित में दे सके।
उन्होंने कहा कि जो मंत्री मांगों को पूरा कर सकें, उन्हें लागू कर सकें वो आएं या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को आना होगा। शेरपुर के मुताबिक हमारे लिए कोई फेवरेट नहीं है और न ही दुश्मन है। हमें आश्वासन नहीं, बल्कि काम चाहिए। ये भी बताएं कि हमारी मांगों को कैसे मानेंगे, कैसे लागू करेंगे, सभी 21 मांगों पर लिखित आदेश भी चाहिए।