सरकार को लगता है कि उसके सारे वचन जनता से जुड़े हुए थे इसलिए वचन पत्र ही उनका रिपोर्ट कार्ड है। मुख्यमंत्री कमलनाथ वचन पत्र को लेकर बहुत गंभीर हैं और वे स्पष्ट कर चुके हैं कि हर मंत्री को वचन पत्र पूरा करना पड़ेगा। वहीं एआईसीसी ने भी मंत्रियों से कहा है कि वे वचन पत्र को गंभीरता से लें।
15 साल बनाम एक साल :
सरकार अपने एक साल की तुलना शिवराज सरकार के 15 साल के कामकाज से करेगी। सरकार सौ से ज्यादा वचन पूरे होने का दावा करती है। ये वो वचन हैं जो सीधे जनता से जुड़े हुए हैं। सभी विभागों को वचन पत्र दे दिए गए हैं। उन वचन के आधार हर विभाग चार्ट तैयार कर रहा है। इस चार्ट में अलग-अलग कॉलम में ये बताया जा रहा है कि कितने वचन पूरे हुए, कितने प्रक्रियाधीन हैं और किन बचन को पूरे करने में नीतिगत या बजटीय प्रावधान की आवश्यकता है।
सरकार की कोशिश है कि पूरे हुए वचनों के जरिए जनता के बीच में ये संदेश भेजा जाए कि शिवराज सरकार के 15 साल के कामकाज पर कमलनाथ सरकार का एक साल भारी है। यानी इन वचनों के पूरा कर सरकार जनता को ये बताएगी कि वो किस दिशा में जा रही है।
फास्ट ट्रैक पर सरकार :
सरकार के साथ-साथ संगठन भी एक साल का जश्र मनाने की तैयारी कर रहा है। संगठन के जरिए सरकार की उपलब्धियां गांव-गांव तक पहुंचाई जाएंगी। संगठन के सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों को इस काम में लगा दिया गया है। विचार विभाग सरकार की एक साल की उपलब्धियों पर किताब तैयार कर रहा है। इसके अलावा सरकार के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी भी विचार -विभाग को सौंपी गई है।
विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि जिस तरह से सरकार ने तेजी से काम किया है वो जनता को बताने के लिए प्रचार कार्यक्रम का नाम फास्ट ट्रैक पर सरकार दिया गया है। सरकार के कर्ज माफी, आदिवासियों की साहूकारी कर्ज से मुक्ति, बेटियों की शादी में 51 हजार रुपए देना,पेंशन राशि बढ़ाना और गौशाला खोलने के फैसले प्रमुख हैं।
– सरकार वचन पत्र को लेकर बहुत गंभीर है। वचन पत्र को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। वचन पत्र ही सरकार का रिपोर्ट कार्ड है। – पीसी शर्मा विधि मंत्री
– वचन पत्र पूरा करने का दायित्व पांच साल के लिए है, लेकिन हम जनता से जुड़े और बड़े वचनों को एक साल के अंदर ही पूरा कर चुके हैं। – जीतू पटवारी उच्चशिक्षा मंत्री