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भोपाल

दांव में फंस गई भाजपा, क्या फिर सियासी कूटनीति में सफल रहे कमलनाथ?

मध्यप्रदेश में अब भाजपा को ब्यूरोक्रेसी का विरोध झेलना पड़ रहा है।

भोपालJan 27, 2020 / 09:27 am

Pawan Tiwari

भाजपा अपने बयानों में उछली, क्या फिर सियासी कूटनीति में सफल रहे कमलनाथ?

भाजपा अपने बयानों में उछली, क्या फिर सियासी कूटनीति में सफल रहे कमलनाथ?

भोपाल. मध्यप्रदेश की सियासत इन दिनों फिर से सरगर्मियों में हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कमलनाथ की सियासी कूटनीति में भाजपा एक बार फिर से फंस गई है। कमलनाथ सरकार पर हमला करते-करते भाजपा अब अधिकारियों के खिलाफ हमलावर हो गई है। मध्यप्रदेश में अब भाजपा को ब्यूरोक्रेसी का विरोध झेलना पड़ रहा है। राजगढ़ जिले में थप्पड़ कांड के बाद कई अधिकारी भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया में लिख चुके हैं।
सियासी रणनीति में फंसी भाजपा
मध्यप्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अभी नहीं हुआ है। माना जा रहा है भाजपा के कई बड़े नेताओं में अंदरूनी विरोध के कारण अभी तक चुनाव नहीं हो पाया है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा कमलनाथ सरकार पर हमला बोलती है तो भाजपा के बड़े नेताओं के विवादित बयान के कारण उन्हें बैकफुट में आना पड़ता है। कैलाश विजयवर्गीय हों या फिर बद्रीलाल यादव इनके बयानों के कारण भाजपा को बैकफुट पर आना पड़ा है।
कमलनाथ ने अफसरों को किया था फ्री हैंड
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कई मंत्रियों और अधिकारियों के बीच नाराजगी की खबरें आईं थी। सरकार ने लगातार अधिकारियों का ट्रांसफर किया। भाजपा ने सरकार पर ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाया। इस दौरान सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में अधिकारियों को फ्री हैंड किया जाता है। कमलनाथ ने अधिकारियों को फ्री हैंड कर अपने भी नेताओं पर अंकुश लगाया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस खेमों में बांटी है ऐसे में कमलनाथ ने अधिकारियों को फ्री कर अपने नेताओं के साथ-साथ विपक्षी नेताओं की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कमलनाथ के इस सियासी दांव के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
माफिया के खिलाफ अभियान
सरकार ने प्रदेश में माफिया और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू किया। इस अभियान के बाद भाजपा और अधिकारियों के बीच टकराव बढ़ने लगा। भाजपा आरोप सरकार पर लगाती रही कि लेकिन निशाने पर अधिकारी आने लगे। कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में अधिकारियों को धमकी देते हुए यहां तक कह दिया कि इंदौर में आग लगा दूंगा। तो दूसरी तरफ राजगढ़ में थप्पड़कांड के बाद भाजपा के निशाने पर सीधे अधिकारी आ गए। भाजपा ने कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ राजगढ़ में प्रदर्शन किया। इस दौरान विवादित बयान भी दिए गए जिसके बाद प्रदेश के कई अफसरों ने भाजपा के नेताओं के बयान पर आपत्ति जताई।
आईएएस ने बोला हमला
राजगढ़ कांड के बाद कई आईएएस अधिकारियों ने भाजपा के खिलाफ हमला बोला। सोशल मीडिया में कई अफसरों ने नेताओं को डकैत और घोटालेबाज भी लिखा। आईएएस एसोसिएसन के अध्यक्ष आईपीसी केसरी ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती को लेटर लिखकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई। वहीं, मंडला के कलेक्टर ने फिल्म छपाक को लेकर टिप्पणी की। वहीं, रीवा जिले में भाजपा और प्रसाशन के बीच लंबे समय से अनबन चली आ रही है। वहीं, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा लगातार अधिकारियों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं।

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