बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने सचिन से करीब दो घंटे की चर्चा की।
नाथ का जोर इस बात पर रहा कि पायलट की नाराजगी दूर हो। चर्चा के बाद पायलट की नाराजगी कुछ दूर भी हुई है। उन्होंने यह भी जानने का प्रयास किया कि दिक्कत कहां है। इस दौरान उन्होंने पायलट और गहलोत के बीच मतभेद को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा की।
सचिन ने कहा- उनके प्रति अपना व्यवहार बदले पार्टी — पार्टी सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने कमलनाथ और पार्टी के महासचिव वेणुगोपाल के सामने अपनी शिकायतें रखीं और पार्टी से उनके प्रति अपना व्यवहार बदलने को कहा। सचिन ने भी साफ किया कि उनका अनशन पार्टी विरोधी नहीं था, बल्कि उन्होंने जनहित के मुद्दे को उठाया है।
इस संबंध में मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि दिल्ली में मेरी सचिन पायलट से चर्चा हुई है। चर्चा के दौरान वेणुगोपाल भी थे। सचिन ने अपनी बात रखी। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। सबकुछ ठीक हो जाएगा।
जरूरत पड़ी तो कमलनाथ राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत से भी चर्चा करेंगे— कमलनाथ की अभी सिर्फ सचिन से चर्चा हुई है। सूत्रों का कहना है कि अन्य नेताओं के साथ मंथन चल रहा है। जरूरत पड़ी तो कमलनाथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी चर्चा कर सकते हैं। राहुल गांधी से बात कर सुलह का स्थाई फॉर्मूला निकलेंगे।
राजस्थान में नुकसान नहीं चाहती पार्टी: कांग्रेस पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए कोई गलती नहीं करना चाहती, जिससे नुकसान हो। पंजाब में आपसी विवाद के चलते कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी। मप्र में भी कुछ ऐसी स्थिति बनी। यहां सिंधिया के भाजपा में जाने से सरकार गिर गई थी।