कमलनाथ बोले– इंदिरा गांधी की सरकार ने आदिवासियों के हित में कई क्रांतिकारी निर्णय लिए। उनके उत्थान व कल्याण के लिए योजनाएं लागू की, जिसका लाभ आदिवासियों को आज तक मिल रहा है। मनमोहन सरकार ने वर्ष 2006 में वन अधिकार अधिनियम लागू कर आदिवासियों के हित में सशक्त निर्णय लिया था। बेहतर होता मोदी पूर्व की सरकारों को कोसने के बजाय अपने कार्यों पर बात करते, मोदी ने भोपाल के अस्पताल में हुई आगजनी की घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला।
शिवराज सिंह को अठारह साल बाद याद आए आदिवासी
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा प्रदेश ही नहीं देश के आदिवासियों का विकास और सम्मान कांग्रेस पार्टी ने किया है। अगर भाजपा को आदिवासियों की इतनी ही चिंता थी तो 18 साल बाद शिवराज सिंह चौहान ने क्या किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नहीं है आदिवासियों की जानकारी
आज 18 साल बाद शिवराज सिंह चौहान जाग उठे हैं कि हमारा आदिवासी समाज 1 करोड़ 60 लाख जो मप्र में है वह किस तरह पिछड़ा हुआ है। कमलनाथ ने कहा नरेन्द्र मोदी को आदिवासी समाज के बारे में तो जानकारी ही नहीं है वो किस दुनिया में है, किस स्वप्न में है पता नहीं। भाजपा आदिवासियों की इतनी चिंता करती है तो आज के पहले कहां थे। भाजपा ने इसके पहले कभी आदिवासियों के सम्मान और उनके विकास के बारे में नहीं सोचा। भोपाल रेलवे स्टेशन के नाम बदले जाने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा नाम बदलने की, झूठ की राजनीति, इवेंट मैनेजमेंट की राजनीति करने में भाजपा माहिर है।
के.के एफ के कार्यक्रम में काटा केक
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तीन दिनों के लिए अपने गृह जिले छिंदवाड़ा में है। शहर के नागपुर रोड स्थित शहनाई लॉन में के.केएफ द्वारा जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के 75वें जन्म दिवस के अवसर पर केक काटा। जन्मदिवस कार्यक्रम के बाद नकुल-कमलनाथ ने जिले की स्वयंसेवी संस्थाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद नकुलनाथ, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, पूर्व मंत्री सुखदेव पासे, पूर्वमंत्री दीपक सक्सेना मुख्य रूप से उपस्थित रहे।