2019 में लोकसभा चुनाव के पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री,विधायकों और अफसरों के लेन-देन
की परतें हैं। इसमें पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह और सज्जन वर्मा के नाम भी आ चुके हैं। अब कांग्रेस को चिंता ये भी है कि कहीं इस आग में नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीदें जलकर खाक न हो जाएं।
दिग्विजय सामने,कमलनाथ की चुप्पी :
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कमलनाथ ने चुप्पी साध ली है। इस संबंध में उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। ट्वीट में शिवराज सरकार पर तो उन्होंने निशाना साधा लेकिन आयकर छापों को लेकर कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला है। वे ईटेंडर घोटाले और 2013 में आयकर छापों के खुलासे को लेकर सामने आए। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस रिपोर्ट को एकदम खारिज नहीं किया जा सकता। उसमें जो तथ्य हैं उनमें सच्चाई भी है। अदालत भी इसको खारिज नहीं करेगी। इसकी आंच उन सभी तक पहुंचेगी जिनके नाम इसमें शामिल हैं।
प्रशासनिक गलियारों में हडक़ंप :
इस रिपोर्ट में कई आला अफसरों के नाम भी हैं। तीन आईपीएस और एसपीएस के नाम तो सामने ही आ चुके हैं। इन नामों के सामने आने के बाद प्रशासनिक गलियारों में भी हडक़ंप मचा हुआ है। आईपीएस मधुकर बाबू की तबीयत खराब हुई तो वे निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। महिला अपराध शाखा के प्रमुख एडीजी संजय माने लंबी छुट्टी पर दक्षिण भारत की यात्रा पर चले गए। अन्य अधिकारी खुद को निर्दोष बता रहे हैं। वे कहते हैं कि ये उनको फंसाने का राजनीतिक षणयंत्र है। खबर तो यहां तक है कि यदि ये आग ज्यादा फैलती तो इसमें फँसे कुछ अधिकारी इस्तीफा देकर कानूनी लड़ाई लडऩे मैदान में उतर आएंगे।
कार्यवाही की तैयारी में ईओडब्ल्यू :
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानी ईओडब्ल्यू को सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। ईओडब्ल्यू को इशारा को मिलते ही वो तत्काल कार्यवाही शुरु कर देगी। सबसे पहले आयकर छापों की जद में आए लोगों पर कार्यवाही की जाएगी। जिन आईपीएस और एसपीएस अफसरों के नाम हैं उन पर भी कार्यवाही होगी। सूत्रों की मानें तो ये जांच ईडी के पास जाएगी क्योंकि इसमें हवाला के जरिए पैसों के ट्रांजिक्शन का भी मामला बनता है।
की परतें हैं। इसमें पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह और सज्जन वर्मा के नाम भी आ चुके हैं। अब कांग्रेस को चिंता ये भी है कि कहीं इस आग में नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीदें जलकर खाक न हो जाएं।
दिग्विजय सामने,कमलनाथ की चुप्पी :
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कमलनाथ ने चुप्पी साध ली है। इस संबंध में उन्होंने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। ट्वीट में शिवराज सरकार पर तो उन्होंने निशाना साधा लेकिन आयकर छापों को लेकर कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला है। वे ईटेंडर घोटाले और 2013 में आयकर छापों के खुलासे को लेकर सामने आए। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस रिपोर्ट को एकदम खारिज नहीं किया जा सकता। उसमें जो तथ्य हैं उनमें सच्चाई भी है। अदालत भी इसको खारिज नहीं करेगी। इसकी आंच उन सभी तक पहुंचेगी जिनके नाम इसमें शामिल हैं।
प्रशासनिक गलियारों में हडक़ंप :
इस रिपोर्ट में कई आला अफसरों के नाम भी हैं। तीन आईपीएस और एसपीएस के नाम तो सामने ही आ चुके हैं। इन नामों के सामने आने के बाद प्रशासनिक गलियारों में भी हडक़ंप मचा हुआ है। आईपीएस मधुकर बाबू की तबीयत खराब हुई तो वे निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। महिला अपराध शाखा के प्रमुख एडीजी संजय माने लंबी छुट्टी पर दक्षिण भारत की यात्रा पर चले गए। अन्य अधिकारी खुद को निर्दोष बता रहे हैं। वे कहते हैं कि ये उनको फंसाने का राजनीतिक षणयंत्र है। खबर तो यहां तक है कि यदि ये आग ज्यादा फैलती तो इसमें फँसे कुछ अधिकारी इस्तीफा देकर कानूनी लड़ाई लडऩे मैदान में उतर आएंगे।
कार्यवाही की तैयारी में ईओडब्ल्यू :
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानी ईओडब्ल्यू को सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। ईओडब्ल्यू को इशारा को मिलते ही वो तत्काल कार्यवाही शुरु कर देगी। सबसे पहले आयकर छापों की जद में आए लोगों पर कार्यवाही की जाएगी। जिन आईपीएस और एसपीएस अफसरों के नाम हैं उन पर भी कार्यवाही होगी। सूत्रों की मानें तो ये जांच ईडी के पास जाएगी क्योंकि इसमें हवाला के जरिए पैसों के ट्रांजिक्शन का भी मामला बनता है।