जिन कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था अब वे ही फिर से भारी पड़ते दिख रहे हैं। कमलनाथ के प्रभाव क्षेत्र छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की जिला कार्यकारिणी भंग कर दी गईं जिसके लिए प्रदेशाध्यक्ष की मंजूरी ही नहीं ली गई। इतना ही नहीं, कांग्रेस के प्रेस नोट में प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का नाम तक नहीं लिखा गया।
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कमलनाथ के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस विधानसभा चुनावों में पराजित हुई थी। तब उन्हें हटाकर राहुल गांधी ने जीतू पटवारी को प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। लोकसभा चुनाव में कमलनाथ अपने पुत्र नकुलनाथ की सीट भी नहीं बचा पाए। ऐसे में लगा कि यह बुजुर्ग नेता अब राजनैतिक बियाबानों में खो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे धीरे धीरे पार्टी में फिर दमदारी दिखाने लगे हैं।
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कांग्रेस में अभी न केवल कमलनाथ का वर्चस्व बरकरार है बल्कि कई मामलों में तो वे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से भी ज्यादा प्रभावी साबित हो रहे हैं। यह बात तब सामने आई जब छिंदवाड़ा और पांढुर्णा कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग कर दी गई। छिंदवाड़ा की जिला कार्यकारिणी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की रजामंदी के बिना ही भंग कर दिया गया। और तो और, इसके लिए जारी प्रेस नोट में स्पष्ट लिखा गया कि कमलनाथ और नकुलनाथ से बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है। इतना ही नहीं, प्रेस नोट में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का नाम तक नहीं लिखा गया।
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बताया जा रहा है कि पांढुर्णा अब अलग से जिला बन गया है इसलिए कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग की गई है। छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों की नई कार्यकारिणी का जल्द ही गठन किए जाने की बात भी कही जा रही है।