मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को बसपा ( BSP ) औऱ समाजवादी पार्टी का समर्थन मिला हुआ है। बसपा विधायक रामबाई इस बैठक में मौजूद थीं लेकिन उनकी ही पार्टी के संजीव सिंह और सपा के विधायक राजेश शुक्ला नहीं पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि दोनों विधायक इस बात से नाराज हैं कि विकास कार्यों में मंत्री उनके क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।
वहीं, विधायक दल की बैठक में मौजूद बसपा विधायक रामबाई ने एक बार फिर से मंत्री बनने की मांग की। रामबाई ने कहा- कर्नाटक और गोवा की तरह मध्यप्रदेश सरकार को भी खतरा है। यदि इस स्थिति में मुझे मंत्री नहीं बनाया गया तो क्या फायदा। मेरे परिवार वालों पर झूठे मुकदमे करके उनको फंसाया गया है। मेरा समर्थन कांग्रेस को इसलिए है कि कमलनाथ मुख्यमंत्री बने रहें। वहीं, उन्होंने मध्यप्रदेश हो रही बिजली कटौती के मुद्दे पर भी उन्होंने सरकार को घेरा।
बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- संसदीय परंपरा के अनुसार, विधानसभा सत्र के दौरान हर सप्ताह विधायकों की बैठक की जाएगी।
कर्नाटक में मचे सियासी संकट को देखते हुए मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अलर्ट हो गई है। विधानसभा सत्र शुरू होने के एक दिन पहले सीएम कमलनाथ ने सभी विधायकों के साथ बैठक की थी। उसके बाद इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) ने भी मध्य प्रदेश के विधायकों का मूड जानने के लिए बैठक की थी। सिंधिया ने 11 जुलाई को भोपाल में अपने पार्टी के विधायकों और सरकार को समर्थन दे रहे सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के साथ स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के घर में डिनर किया था। इस दौरान सीएम कमल नाथ भी मौजूद थे।