दरअसल, दंड विधि संशोधन विधेयक को विधानसभा से पास होने के बाद इसके पक्ष में वोटिंग करवाई गई। वोटिंग के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में 122 वोट पड़े। इसमें बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। दोनों विधायक विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी के विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस को समर्थन दिया है।
क्रॉस वोटिंग के बाद दोनों विधायकों ने कहा कि यह एक तरह से हमारी घर वापसी है। साथ ही कहा कि जो भी लोग बीजेपी में दूसरे दल से जाते हैं, उन्हें सम्मान नहीं मिलता है। बीजेपी सिर्फ झूठ बोलती है। हमलोगों ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि मैं पहले भी कमलनाथजी के साथ रहा हूं। अपने क्षेत्र के विकास के लिए उनके साथ आया हूं। इसको घर वापसी समझिए।
दरअसल, सुबह तक जो बीजेपी मध्यप्रदेश में चौबीस घंटे के अंदर मध्यप्रदेश में सरकार गिराने की बात कर रही थी। उसे अब बड़ा झटका लगा है। क्योंकि दूसरे के घर में फूट डालने से पहले खुद के घर में पड़ी फूट को रोकना होगा। क्योंकि क्रॉस वोटिंग के दौरान जिस तरीके से दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, उसकी उम्मीद बीजेपी को कतई नहीं थी।
क्रॉस वोटिंग के बाद मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी लगातार कह रही थी कि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में है। आज सदन में वोटिंग हुई और बीजेपी के दो विधायकों ने हमारे पक्ष में वोट की। अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। साथ ही साफ हो गया है कि बीजेपी सिर्फ झूठ बोलती है।
दो-तीन और टूटेंगे
वहीं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि उनके कई विधायक हमारे साथ हैं। जल्द ही दो-तीन विधायक और आएंगे हमारे साथ। वे लोग हमारे संपर्क में हैं। इसे भी पढ़ें: मध्यप्रदेश में सरकार गिराने का दावा कर रही BJP में फूट, कमलनाथ ने दिया झटका, दो विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
सरकार गिराने का दावा करने वाले गोपाल भार्गव ने विधायकों की क्रॉस वोटिंग पर कहा कि ये हमारे लिए कोई झटका नहीं है। लेकिन इसमें वोटिंग की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान अब बीजेपी विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं।