प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गुरुवार को बालाघाट के दौरे पर थे। यहां उन्होंने साफ कर दिया कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उनके इस बयान से सियासत में नया मोड़ आ गया है। इससे पहले भोपाल में उन्होंने कहा था कि उन्हें पार्टी को चुनाव लड़ाना है, वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बालाघाट में कमलनाथ की प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी। मीडिया से बातचीत के दौरान उनसे पूछा कि क्या वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने तुरंत कहा-चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगे। बिल्कुल लड़ेंगे। कमलनाथ ने निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल पर कहा कि वे न कांग्रेस में हैं और न कांग्रेस से टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस का उनसे कोई संबंध नहीं है। प्रदीप ने पहले कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया था। बाद में वे भाजपा के साथ हो गए थे।
इधर, चुनाव लड़ने की बात पर कमलनाथ के यू टर्न पर बीजेपी ने तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ के इस ताजा बयान पर कहा- दिल्ली के दबाव में कमलनाथ को अपने फैसले पर यू-टर्न लेना पड़ा है।
क्यों बदला फैसला
कमलनाथ के चुनाव लड़ने के बयान के राजनैतिक निहितार्थ हैं। बीजेपी भले ही इसे दिल्ली के दबाव में लिया गया फैसला बता रही है पर राजनैतिक पंडितों के अनुसार कमलनाथ ने खुद सोच समझकर यह निर्णय लिया है। विधानसभा सीट जीतकर वे मुख्यमंत्री पद के निर्विवाद दावेदार बन सकते हैं।