इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि इस कदम पर विचार करते हैँ। मंत्रियों ने कहा कि भाजपा ४ नवंबर को मध्यप्रदेश में मुआवजा न देने को लेकर धरना कर रही है, इसी दिन हमें दिल्ली में जाकर धरना देना चाहिए। सीएम इसी दिन दिल्ली जा रहे हैं, इस कारण मंत्रियों ने कहा कि हम भी दिल्ली पहुंच जाते हैं। इस पर सीएम ने कहा कि इस पर अभी विचार करते हैं।
लॉ पीएस ने दिया संवैधानिक पद का हवाला- दिल्ली में उपवास-धरना पर चर्चा के बीच विधि विभाग के प्रमुख सचिव सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सीएम और मंत्रियों को इस तरह धरना नहीं देना चाहिए, क्योंकि आप सभी संवैधानिक पदों पर हो। इस तरह धरना देना संवैधानिक रूप से गलत होगा। जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि दिल्ली में मार्च करना चाहिए। इस दौरान मांग-पत्र व ज्ञापन भी देना चाहिए। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और कमलेश्वर पटेल ने भी दिल्ली में मार्च करने की।
शिवराज कर चुके हैं उपवास व मार्च- गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर किसान आंदोलन के समय जंबूरी मैदान में उपवास-धरना किया था, तब मुख्यमंत्री के संवैधानिक उल्लंघन की बात उठी थी। शिवराज ने दिल्ली में भी कोयले की कमी को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ मार्च किया था।