1988 बैच के आइपीएस ऑफिसर कैलाश मकवाना एमपी के नए डीजीपी होंगे। शनिवार देर रात प्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कैलाश मकवाना अभी मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमैन हैं। आदेश के अनुसार वे 1 दिसंबर को नया पदभार संभालेंगे।
राज्य सरकार ने नए डीजीपी DGP के लिए जो नाम भेजे थे उनमें से दिल्ली में 3 नामों का पैनल तैयार किया गया था। इनमें आइपीएस कैलाश मकवाना, आइपीएस और डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार और आइपीएस और डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा के नाम शामिल थे।
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आइपीएस कैलाश मकवाना को करीब 4 साल में 7 बार स्थानांतरित किया गया। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने उनका 3 बार तबादला किया था। 2019 में एडीजी इंटेलिजेंस और एडीजी प्रशासन बनाया गया। 2020 में एडीजी नारकोटिक्स
और एडीजी सीआईडी बनाया। 2021 में मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैन बनाया और बाद में लोकायुक्त संगठन का महानिदेशक का दायित्व सौंपा। यहां से 6 माह में ही हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में भेज दिया था।
आइपीएस कैलाश मकवाना को करीब 4 साल में 7 बार स्थानांतरित किया गया। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने उनका 3 बार तबादला किया था। 2019 में एडीजी इंटेलिजेंस और एडीजी प्रशासन बनाया गया। 2020 में एडीजी नारकोटिक्स
और एडीजी सीआईडी बनाया। 2021 में मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैन बनाया और बाद में लोकायुक्त संगठन का महानिदेशक का दायित्व सौंपा। यहां से 6 माह में ही हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में भेज दिया था।
लोकायुक्त महानिदेशक का चर्चित कार्यकाल
प्रदेश में कैलाश मकवाना का विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक पद का कार्यकाल सबसे चर्चित है। उन्होंने पद संभालते ही आइएएस, आइपीएस के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी। ठंडे बस्ते में पड़ीं पुराने मामलों की फाइल खोलकर कई IAS, IPS अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। उन्होंने महाकाल लोक कॉरिडोर की जांच भी शुरू कर दी थी। अधिकारियों के साथ ही सरकार भी थर्रा उठी और कैलाश मकवाना को वहां से जल्द ही हटा दिया गया।
प्रदेश में कैलाश मकवाना का विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक पद का कार्यकाल सबसे चर्चित है। उन्होंने पद संभालते ही आइएएस, आइपीएस के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी। ठंडे बस्ते में पड़ीं पुराने मामलों की फाइल खोलकर कई IAS, IPS अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। उन्होंने महाकाल लोक कॉरिडोर की जांच भी शुरू कर दी थी। अधिकारियों के साथ ही सरकार भी थर्रा उठी और कैलाश मकवाना को वहां से जल्द ही हटा दिया गया।
इतना ही नहीं, आइपीएस कैलाश मकवाना की एसीआर( गोपनीय चरित्रावली) भी खराब कर दी गई। बाद में उन्होंने इसमें सुधार की अपील करते हुए कहा कि सीआर दुर्भावनापूर्वक खराब की गई है। तब इसे दुरुस्त किया गया।