सिंधिया ने देखा भी नहीं
गोपाल मंदिर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गोविंद सिंह राजपूत को कोई तज्जवो नहीं दी। जबकि दूसरे मंत्री तुलसी सिलावट पूरी यात्रा के दौरान ही सिंधिया के साथ ही रहे। सिंधिया जब कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर की गैलरी में पहुंचे तो गेट लगा दिया गया औऱ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत 10 मिनट तक इंतजार करते रहे। उसके बाद भी गेट नहीं खोला गया और इस दौरान गोविंद सिंह राजपूत अलग-थलग दिखाई दिए।
क्या ये हो सकती हैं वजह
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में सभी नेता एक साथ हैं और पार्टी में कोई भी गुटबाजी नहीं है। वहीं, इसके बाद भी गोविंद सिंह राजपूत ने सीएम कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री हमें मिलने का समय नहीं देते हैं और ना ही हमारी बातों को तज्जवो देते हैं। गोविंद सिंह राजपूत के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हो गई थी। हालांकि बाद में सिंधिया भोपाल दौरे पर पहुंचे थे और यहां पार्टी की एक जुटता दिखाई दी थी।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में सभी नेता एक साथ हैं और पार्टी में कोई भी गुटबाजी नहीं है। वहीं, इसके बाद भी गोविंद सिंह राजपूत ने सीएम कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री हमें मिलने का समय नहीं देते हैं और ना ही हमारी बातों को तज्जवो देते हैं। गोविंद सिंह राजपूत के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हो गई थी। हालांकि बाद में सिंधिया भोपाल दौरे पर पहुंचे थे और यहां पार्टी की एक जुटता दिखाई दी थी।
गुटबाजी की आईं थी खबरें
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमल नाथ खेमे में गुटबाजी की भी खबरें आईं थी। इस दौरान सिंधिया खेमे के मंत्रियों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। हालांकि इन सभी मामलों में सिंधिया ने कहा था ये पार्टी हाई कमान का फैसला है।