10 मंत्रियों को बनाया गया स्टार प्रचारक
कांग्रेस ने 28 में से 10 मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाया है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री इसमें शामिल नहीं है। इस सूची में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुसली सिलावट और महेन्द्र सिंह सिसोदिया के नाम नहीं हैं। वहीं, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को स्टार प्रचारक बनाया गया है।
3 आदिवासी मंत्रियों को जगह
कांग्रेस की लिस्ट में तीन आदिवासी मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाया गया है। इसमें बाला बच्चन, सरेन्द्र सिंह हनी और ओंकार सिंह मरकाम का नाम भी शामिल है। लेकिन आदिवासी मंत्री उमंग सिंघार को इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस ने चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसी सूची में पहले पायदान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम है। उसके बाद राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, सीएम कमलनाथ, दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य नेता और मंत्रियों के नाम हैं।
कांग्रेस की लिस्ट में तीन आदिवासी मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाया गया है। इसमें बाला बच्चन, सरेन्द्र सिंह हनी और ओंकार सिंह मरकाम का नाम भी शामिल है। लेकिन आदिवासी मंत्री उमंग सिंघार को इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस ने चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसी सूची में पहले पायदान पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम है। उसके बाद राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, सीएम कमलनाथ, दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य नेता और मंत्रियों के नाम हैं।
सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग
सिंधिया समर्थक मंत्री लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। क्यों बाहर हुए सिंघार
झाबुआ आदिवासी बहुल इलाका है। उमंग सिंघार मध्यप्रदेश में आदिवासियों के बड़े नेता हैं। दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार की लड़ाई दिल्ली तक पहुंची थी। उसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नाराजगी जाहिर की थी। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या इस विवाद के बाद सिंघार कांग्रेस में साइड किए जा रहे हैं। झाबुआ जैसे महत्वपूर्ण उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह न मिलना इसी ओर इशारा कर रही है। हालांकि सोनिया गांधी की फटकार के बाद सिंघार और दिग्विजय सिंह ने इस विवाद पर चुप्पी साध ली है।
सिंधिया समर्थक मंत्री लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। क्यों बाहर हुए सिंघार
झाबुआ आदिवासी बहुल इलाका है। उमंग सिंघार मध्यप्रदेश में आदिवासियों के बड़े नेता हैं। दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार की लड़ाई दिल्ली तक पहुंची थी। उसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नाराजगी जाहिर की थी। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या इस विवाद के बाद सिंघार कांग्रेस में साइड किए जा रहे हैं। झाबुआ जैसे महत्वपूर्ण उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह न मिलना इसी ओर इशारा कर रही है। हालांकि सोनिया गांधी की फटकार के बाद सिंघार और दिग्विजय सिंह ने इस विवाद पर चुप्पी साध ली है।