पहला समीकरण
कमलनाथ अभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी। कमलनाथ अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह खेमा भी अध्यक्ष पद को लेकर सक्रिय हो गया है। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता अजय सिंह ‘राहुल भैया’ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही माना जा रहा है कि अजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं। अजय सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। हालांकि इस बार वो चुरहट विधानसभा से अपना चुनाव हार गए हैं। अजय सिंह अर्जुन सिंह के बेटे हैं और दिग्विजय सिंह के करीबी हैं।
कमलनाथ अभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी। कमलनाथ अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं तो दिग्विजय सिंह खेमा भी अध्यक्ष पद को लेकर सक्रिय हो गया है। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता अजय सिंह ‘राहुल भैया’ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही माना जा रहा है कि अजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं। अजय सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। हालांकि इस बार वो चुरहट विधानसभा से अपना चुनाव हार गए हैं। अजय सिंह अर्जुन सिंह के बेटे हैं और दिग्विजय सिंह के करीबी हैं।
सोनिया गांधी के सामने अगर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की सहमति बनती है तो अजय सिंह राहुल भैया को अध्यक्ष पद की कुर्सी सौंपी जा सकती है। अजय सिंह, दिविग्जय सिंह और कमलनाथ दोनों ही खेमे में लोकप्रिय हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था। रीवा की जिले की किसी भी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी। ऐसे में विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी अजय सिंह के पास है क्योंकि अजय सिंह विंध्य के कद्दावर नेता हैं। ऐसे में अगर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में सहमति बनती है तो अजय सिंह को मौका मिल सकता है।
दूसरा समीकरण
कमलनाथ अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश में आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाए। अगर सोनिया गांधी और कमल नाथ के बीच सहमति बनती है तो प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन और शोभा ओझा में से किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
कमलनाथ अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश में आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाए। अगर सोनिया गांधी और कमल नाथ के बीच सहमति बनती है तो प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन और शोभा ओझा में से किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के लिए आदिवासी चेहरा चाहते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा आदिवासी इलाके में जीत दर्ज की थी। जबकि लोकसभा में पार्टी आदिवासी इलाकों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। ऐसे में कमलनाथ आदिवासियों की नाराजगी दूर करने के लिए आदिवासी चेहरे पर दांव लगाना चाहते हैं।
सिंधिया के पक्ष में केवल एक समीकरण
ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस के कई नेता खुलकर सामने आ चुके हैं। कमल नाथ सरकार के मंत्री भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का समर्थन कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि अगर अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दखल होता है तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अध्यक्ष बनना तया है। राहुल और प्रियंका गांधी प्रदेश का नेतृत्व युवा चेहरे को देना चाहते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि राहुल और प्रियंका चाहते हैं कि अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जो लंबे समय तक प्रदेश की बागडोर संभाल सके। ज्योतिरादित्य सिंधिया युवा भी हैं और उनके पास अमुभव भी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस के कई नेता खुलकर सामने आ चुके हैं। कमल नाथ सरकार के मंत्री भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का समर्थन कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि अगर अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दखल होता है तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अध्यक्ष बनना तया है। राहुल और प्रियंका गांधी प्रदेश का नेतृत्व युवा चेहरे को देना चाहते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि राहुल और प्रियंका चाहते हैं कि अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जो लंबे समय तक प्रदेश की बागडोर संभाल सके। ज्योतिरादित्य सिंधिया युवा भी हैं और उनके पास अमुभव भी है।
राहुल के करीबी हैं सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी की दोस्ती राजनीति में जग जाहिर है। लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव बनाया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पश्चिमी यूपी का प्रभार था। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया कोई खास कमाल नहीं कर सके थे और पश्चिमी यूपी में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, अगर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की बात की जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच केवल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के फार्मूले से अगर अध्यक्ष तय होगा तभी सिंधिया को मौका मिल सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी की दोस्ती राजनीति में जग जाहिर है। लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव बनाया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पश्चिमी यूपी का प्रभार था। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया कोई खास कमाल नहीं कर सके थे और पश्चिमी यूपी में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, अगर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की बात की जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच केवल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के फार्मूले से अगर अध्यक्ष तय होगा तभी सिंधिया को मौका मिल सकता है।