मध्यप्रदेश की गुना लोकसभा सीट देश में चर्चित सीटों में से एक है। वजह है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) का भाजपा से चुनाव मैदान में होना। यह सीट इसलिए भी खास है, क्योंकि पिछली बार सिंधिया कांग्रेस से थे, इस बार भाजपा से। चुनाव प्रचार की भागमभाग के बीच पत्रिका मध्यप्रदेश के राज्य संपादक विजय चौधरी ने सिंधिया से घोषणा-पत्र, कांग्रेस और भ्रष्टाचार, दिग्विजय सिंह, बेटे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रिका के साथ खास बातचीत की। सिंधिया ने सधे हुए जवाब दिए।
इस बार का चुनाव आप किसके चेहरे पर लड़ रहे हैं… खुद के चेहरे पर या मोदी जी के?सिंधिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व भारत को विश्व पटल पर उजागर कर रहा है। बीते दस वर्ष में प्रधानमंत्री की योजनाओं का जो क्रियान्वयन हुआ है, शायद ही भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी हुआ हो। यही कारण है कि देश की 140 करोड़ जनता का भरोसा सिर्फ एक व्यक्ति में है और वे हैं नरेंद्र मोदी। वे पूरे देश के नेता हैं।
चुनाव की शुरुआत में मोदी सरकार की सफलताओं की बातें ज्यादा हो रही थीं, अब कांग्रेस के घोषणा-पत्र की चर्चा है। आपको लगता नहीं कि इस बार कांग्रेस के घोषणा-पत्र को जनता खोज रही है, पढ़ रही है। इससे भाजपा को क्या नुकसान हो सकता है?
सिंधिया: कांग्रेस की विचारधारा इस देश को सौ साल पीछे ले जाने की है। घर का एक्स-रे किया जाएगा। जमीन का एक्स-रे किया जाएगा और सरकार आपकी जमीन ले लेगी। जो आपने और आपकी पत्नी ने जीवनभर में कमाया हो, उसे वामपंथी सोच के साथ एक विरासत टैक्स लगाकर 55 प्रतिशत आपसे भारत सरकार ले लेगी। कांग्रेस में ये कहां की सोच है? जिस देश में आंत्रप्रोन्योर और यूनिकॉर्न बढ़ रहे हैं, जो देशदुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है, उस देश में ये किस तरह की सोच है। इस सोच से देश को बचाना है, इसलिए हम जरूर इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कहा है कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ गए कोई दिक्कत नहीं, लेकिन अब किसानों और अतिथि शिक्षकों के लिए सड़क पर कब उतरेंगे?सिंधिया: दिग्विजय सिंह की विचारधारा, उनकी सोच उन्हें मुबारक। मुझे जो कहना था, जो करके दिखाना था, वह मैंने किया।
दिग्विजय सिंह की राजगढ़ सीट पर अब तक आप भाजपा का प्रचार करने नहीं गए, इसकी क्या वजह है?सिंधिया: पार्टी मुझे जहां भेजती है, मैं वहां प्रचार करने जा रहा हूं। मैं भाजपा का सिपाही हूं, जहां भेजा जाएगा मैं जाऊंगा। मैंने उनके इलाके में बहुत प्रचार किया है। विधानसभा चुनाव में राजगढ़ की हर विधानसभा में गया हूं।
पिछले चुनाव में आप कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे थे। इस बार भाजपा के लिए। जनता की क्या प्रतिक्रिया है?सिंधिया: मुझे पूर्ण विश्वास है कि जनता का आशीर्वाद मुझे मिलेगा। मुझे ही नहीं, प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जनता भाजपा को जिताएगी।
आप अपने भाषणों में कह रहे हैं कि अगर मैं कांग्रेस नहीं छोड़ता तो लाड़ली बहन का सारा पैसा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जेबों में चला जाता। ऐसा क्यों कह रहे हैं, जबकि तब तो लाड़ली बहना योजना थी ही नहीं?
सिंधिया: मैं कहना यह चाहता हूं कि यदि वह सरकार रहती तो कभी लाड़ली बहना योजना होती ही नहीं। वह सरकार रहती तो किसानों को छह हजार रुपए अतिरिक्त सम्मान निधि नहीं मिल पाती।
आपके पुत्र महानआर्यमन भी पिता का लगातार प्रचार कर रहे हैं। आप दिग्गज राजनेता हैं, इसलिए एक पिता के नाते आप आपने बेटे को क्या टिप्स देते हैं? सिंधिया: मैं कोई टिप्स नहीं देता। मैंने 13 वर्ष की उम्र में 1984 में पिताजी के चुनाव में प्रचार की शुरुआत की थी। मेरे पुत्र के लिए भी यह पहला चुनाव नहीं है। उसके लिए यह तीसरा चुनाव है। 2014 से प्रचार में साथ है। वैसे, पुराने जमाने में माता-पिता बच्चों को बताते थे कि क्या करना है, आजकल तो बच्चे बताते हैं कि क्या करना चाहिए।
हां, तो क्या महानआर्यमन जनता का फीडबैक बताते हैं आपको?सिंधिया: हमारी रोज तो बात नहीं होती, क्योंकि मेरा दिन सुबह दो-ढाई बजे समाप्त होता है। दो-तीन दिन में जब हम बैठते हैं तो फीडबैक लेता हूं। उन्हें अपना फीडबैक देता भी हूं। चुनावी वार्तालाप चलता रहता है।
कमलनाथ, दिग्विजय सिंह ने इतना भ्रष्टाचार किया है तो इनके खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं किए जाते? सरकार तो लंबे समय से भाजपा की है।सिंधिया: जनता ने पूर्ण रूप से दोनों को जवाब दिया है। 2020 में हमने सरकार बदली। उपचुनाव हुए। सारी सीटें कांग्रेस की थीं, जनता ने सफाया कर दिया। 2023 में विधानसभा चुनाव हुए। सब कह रहे थे कांग्रेस की सरकार बनेगी। ग्वालियर-चंबल संभाग में कहा जा रहा था कि 34 में से भाजपा की चार सीटें आएंगी। कई लोगों ने मुझे भद्दी से भद्दी गाली दी। बेबुनियाद आरोप लगाए, परिवार और हमारे इतिहास पर आरोप लगाए, क्या- क्या नहीं किया। मैंने सिर्फ एक ही बात कही, जनता सबको जवाब देगी। और आप देखिए 163 सीटें आईं।