भोपाल

सिंधिया ने दिया जयराम रमेश को जोरदार जवाब, ट्वीटर पर छिड़ी जुबानी जंग

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बीच छिड़ा ट्वीटर वार

भोपालApr 06, 2023 / 11:07 am

Manish Gite

भोपाल। कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश और भाजपा के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया में जमकर ठन गई है। दोनों में ट्वीट पर वार छिड़ गया है। पिछले दिनों सिंधिया ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला बोला था, इसके जवाब में जयराम रमेश ने सिंधिया पर निजी हमले कर दिए। रमेश ने सुभद्रा कुमारी की कविता के जरिए सिंधिया पर निशाना साधा, तो सिंधिया ने भी जबरदस्त पलटवार कर दिया।

 

 

केंद्रीय उड्डयन मंत्री एवं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो दिनों से तीखे तेवर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला था। इसके बाद कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश भी बीच में कूद पड़े। जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुलाम नबी आजाद दोनों पर ही निशाना साधा। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस सिस्टम और पार्टी नेतृत्व के बड़े लाभभोगी रहे हैं। लेकिन, अब हर गुजरते वक्त के साथ वे प्रमाण देते हैं कि इस उदारता के वे योग्य नहीं थे। वे अपना असली चरित्र दिखा रहे हैं, जिसे उन्होंने लंबे समय तक छुपा रखा था।

 

https://twitter.com/JM_Scindia/status/1643654983487832064?ref_src=twsrc%5Etfw

सिंधिया का पलटवार

जयराम रमेश के ट्वीट के बाद सिंधिया ने भी पलटवार करते हुए जयराम रमेश पर हमला बोला है। सिंधिया ने लिखा है कि मुंह में राम बगल में छुरी। आपके ऐसे वक्तव्य साफ दर्शाते हैं कि कितनी मर्यादा व विचारधारा कांग्रेस में बची है। वैसे भी आप केवल स्वयं के प्रति समर्पित हैं, इसी से आपकी राजनीति जीवित है। मैं और मेरा परिवार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहे हैं।

 

जयराम ने कविता के जरिए किया हमला

इसके बाद जयराम रमेश ने एक बार फिर ट्वीट के जरिए हमला कर दिया। जयराम रमेश ने लिखा है कि क्या वह झांसी की रानी पर सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता भूल गए हैं?

 

सिंधिया ने नेहरू की किताब के जरिए दिया जवाब

जयराम रमेश के कविता के जरिए हमला करने पर सिंधिया ने भी पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब के जरिए जवाब दिया है। सिंधिया ने ट्वीट पर कहा कि कविताएं कम और इतिहास ज्यादा पढ़ें। उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता। मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे, लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़ों में बंट गईं। मराठों ने 1782 में दक्षिण में अंग्रेजों को हराया था। उत्तर में ग्वालियर के सिंधिया का प्रभुत्व था और दिल्ली के गरीब असहाय सम्राट को नियंत्रित किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब glimpses of world history.

क्या कहा था सिंधिया और गुलाम ने

सिंधिया ने बुधवार को कहा था कि विपक्षी पार्टी के पास देश के खिलाफ काम करने वाले देशद्रोहियों के अलावा कोई विचारधारा नहीं बची है। राहुल ने कहा था कि इस पार्टी ने पिछड़े वर्गों का अपमान किया। इधर, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के गुलाम नबी आजाद ने तीन दिन पहले कहा था कि कांग्रेस पर खासतौर से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि सिर्फ मैं ही क्यों, मेरे जैसे कई बहुत से लोगों के द्वारा कांग्रेस छोड़े जाने की वजह राहुल गांधी थे।

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