पिता की राह पर सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही मे मध्यप्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिले मंदसौर, नीमच, मुरैना और अशोक नगर का दौरा किया था। इस दौरे की सबसे खास बात थी ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने पिता के किए कामों का उल्लेख करना। ज्योतिरादित्य सिंधिया लोगों से सीधे मिलकर यह बता रहे हैं कि जिस तरह से उनके पिता माधवराव सिंधिया अपने क्षेत्र की जनता के लिए सक्रिय थे उसी मैं भी अपने लोगों के लिए काम कर रहां हूं। चंबल दौरे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंच से कहा- चंबल के साथ दुख दर्द में मेरा परिवार सदैव साथ खड़ा रहा है। मेरे पूज्य पिताजी का जीवन भर इस क्षेत्र से सेवारूपी जुड़ाव रहा है। आज संकट के समय में मैं स्वयं आपके साथ खड़ा हूं।
आक्रमकता से तेवर भी बदले
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी सियासत में बदलाव किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब विपक्षी की तारीफ भी करते हैं तो अपनी सरकार पर सवाल भी उठा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हडाए जाने का समर्थन किया तो अवैध रेत खनन को लेकर मध्यप्रदेश में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए ऐलान किया था कि वो अवैध रेत खनन के खिलाफ खुद झंड़ा उठाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया हाल के दिनों में संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचे भी हैं। सिंधिया ने मध्यप्रदेश की बाढ़ में भाजपा और कांग्रेस को सियासत नहीं करने की सलाह भी दी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था- प्राकृतिक आपदा में राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार किसी की भी हो, संकट और आपदा के इस समय जनता की मदद और हौसला अफजाई के लिए सभी को आगे आना चाहिए। ना कांग्रेस ना भाजपा, अन्नदाता को हर इंसान से आशा। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार के अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे पर भी सवाल उठाया। सिंधिया ने कहा था मैं इस सर्वे से खुश नहीं हूं और फिर से सर्वे होना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी सियासत में बदलाव किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब विपक्षी की तारीफ भी करते हैं तो अपनी सरकार पर सवाल भी उठा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हडाए जाने का समर्थन किया तो अवैध रेत खनन को लेकर मध्यप्रदेश में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए ऐलान किया था कि वो अवैध रेत खनन के खिलाफ खुद झंड़ा उठाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया हाल के दिनों में संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचे भी हैं। सिंधिया ने मध्यप्रदेश की बाढ़ में भाजपा और कांग्रेस को सियासत नहीं करने की सलाह भी दी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था- प्राकृतिक आपदा में राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार किसी की भी हो, संकट और आपदा के इस समय जनता की मदद और हौसला अफजाई के लिए सभी को आगे आना चाहिए। ना कांग्रेस ना भाजपा, अन्नदाता को हर इंसान से आशा। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार के अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे पर भी सवाल उठाया। सिंधिया ने कहा था मैं इस सर्वे से खुश नहीं हूं और फिर से सर्वे होना चाहिए।
लोगों के बीच बढ़ी लोकप्रियता
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन हार के बाद वो जिस तरह से मध्यप्रदेश के दौरे और लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं उससे सिंधिया की लोकप्रियता बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि सिंधिया अब मध्यप्रदेश की सियासत में अपने कदम जमाने के लिए ग्वालियर-चंबल से निकलकर प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपना दखल बढ़ा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन हार के बाद वो जिस तरह से मध्यप्रदेश के दौरे और लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं उससे सिंधिया की लोकप्रियता बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि सिंधिया अब मध्यप्रदेश की सियासत में अपने कदम जमाने के लिए ग्वालियर-चंबल से निकलकर प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपना दखल बढ़ा रहे हैं।
दिग्गी-सिंघार विवाद पर भी रखी बात
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश के नव मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के विवाद में खुलकर अपनी बात रखी। हालांकि इस बार उन्होंने उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह में से किसी का खुलकर नाम नहीं लिया और गेंद को सीएम कमलनाथ के पाले में डालते हुए कहा- मुख्यमंत्री को दोनों पक्षों से बात करना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश के नव मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के विवाद में खुलकर अपनी बात रखी। हालांकि इस बार उन्होंने उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह में से किसी का खुलकर नाम नहीं लिया और गेंद को सीएम कमलनाथ के पाले में डालते हुए कहा- मुख्यमंत्री को दोनों पक्षों से बात करना चाहिए।
इंदौर में शक्ति प्रदर्शन
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में इंदौर में सभी खेमों के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। राजतीनिक जानकारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात को शक्ति प्रदर्शन कहा- इस दौरान सबसे बड़ी बात थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंच में उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया की फोटो भी लगाई गई थी। जानकारों ने कहा लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ है जब कांग्रेस के कार्यक्रम में माधवराव सिंधिया की फोटो लगाई गई है।
गुटबाजी और ज्योतिरादित्य सिंधिया
मध्यप्रदेश में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास थी। लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तीन बड़े नेता, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के बीच गुटबाजी की खबरें भी आईं। मध्यप्रदेश कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सियासत गर्म है लेकिन झाबुआ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष के फैसले को टाल दिया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुलकर प्रदेश अध्यक्ष की मांग नहीं कि है लेकिन उनके समर्थक मंत्री और कार्यकर्ता लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्रियों की बयानबाजी पर सिर्फ एक ही सवाल किया कि पार्टी जो फैसला लेगी उन्हें मंजूर है। इसके साथ-साथ ही सिंधिया अब सभी खेमों के नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों ने तो यहां तक कह दिया कि सिंधिया मध्यप्रदेश में अपने समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ा रहे हैं।
विरासत में मिली राजनीति
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता के निधन के बाद सक्रिय राजनीति में आए। 30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 पहली बार लोकसभा सांसद बनें । ज्योतिरादित्य सिंधिया को 6 अप्रैल, 2008 को पहली बार मनमोहन सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री बनाया गया। जब मनमोहन सिंह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो सिंधिया को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता की विरासत को राजनीति और अन्य क्षेत्रों में भी संभाल रहे हैं।