डॉ गोविंद सिंह को सिंधिया विरोधी खेमे का माना जाता है। सूत्रों का कहना की दोनों नेताओं के बीच प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई है। वहीं, सिंधिया की नाराजगी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मेरी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात हुई है और वो नाराज नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में अवैध खनन को लेकर सिंधिया समर्थक विधायकों द्वारा की गई टिप्पणी को भी डॉ गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने रखा है। गोविंद सिंह ने सिंधिया समर्थक विधायक ओपीएस भदौरिया और रणवीर जाटव के बयानों पर आपत्ति जताई है।
वहीं, दूसरी तरफ शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा से विधायक सुरेश राठखेड़ा भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में आ गए हैं। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कमजोर संगठन को ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेतृत्व की आवश्कता है। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।
शनिवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ग्वालियर और भिंड दौरे पर थे। इस दौरान ज्योतिरादित्य समर्थक विधायक और कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह से दूपरी बनाई थी। बाद में कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह का दौरा निजी था। वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर दतिया और भिंड में कार्यकर्ताओं ने हवन और पूजा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है। दिग्विजय सिंह खेमे के सक्रिय होने के बाद अब कांग्रेस में एक बार फिर से गुटबाजी बढ़ गई है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच उनके महाआर्यमन सिंधिया ने एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के पोस्ट होने के बाद खबरें आईं की ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज हैं और उन्होंने पार्टी के सामने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दावा पेश किया है।