फिलहाल कांग्रेस के सामने पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा और कांतिलाल भूरिया में से किसी एक को टिकट देने का विकल्प है। भूरिया चाहते हैं कि उन्हें या उनके बेटे को व्रिकांत भूरिया को टिकट मिले। वहीं, जेवियर मेड़ा इसका विरोध कर रहे हैं।
पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा का कहना है कि हम झाबुआ उपचुनाव जरूर जीतेंगे। मुख्यमंत्री ने मुझे टिकट देने का वादा किया है। वहीं, कांतिलाल भूरिया का कहना है किसे टिकट मिलेगा किसे नहीं। इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। उन्हीं के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
वहीं, झाबुआ के गढ़ को भेदने में भाजपा के जीएस डामोर का सफलता मिली है। उन्होंने पहले विक्रांत भूरिया को विधानसभा चुनाव में हराया फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया को चुनाव हराया। सूत्रों का कहना है कि डामोर अपने बेटे या पत्नी को टिकट दिलाने की कोशिश में हैं। वहीं, भाजपा से पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल भी दावेदारी कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा- चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने का बाद ही। टिकट किसे दिया जाए इस पर विचार करेंगे। क्या हो रहे हैं उपचुनाव
विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था जिस कारण से झाबुआ में उपचुनाव प्रस्तावित हैं।