भोपाल। गीतकार जावेद अख्तर के बुर्का के साथ घूंघट को बैन करने के बयान पर सियासी घमासान शुरू होने के बाद अगले दिन उन्होंने अपने बयान पर पलटी मार दी है।
गुरुवार को भोपाल आए गीतकार जावेद अख्तर ने मीडिया के सवालों पर कहा था कि बुर्के के साथ घूंघट को बैन कर देना चाहिए। इसके बाद मचे सियासी घमासान के बाद शुक्रवार सुबह अख्तर ने ट्वीट कर इस मामले में सफाई दी है।
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फिर क्या बोले
जावेद अख्तर ने शुक्रवार को सुबह ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि कुछ लोगों ने मेरे बयान को बिगाड़ने का प्रयास किया है। मैंने कहा था कि हो सकता है श्रीलंका में सुरक्षा के लिहाज से इसे बैन किया गया हो पर वास्तव में ये महिलास शक्तिकरण के लिए जरूरी है। अख्तर ने यह भी कहा कि चेहरा ढंकना बंद होना चाहिए, चाहे वो बुर्का हो या घूंघट।
कल क्या कहा था
शिवसेना द्वारा बुर्के पर बैन की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर जावेद अख्तर ने कहा था कि बुर्के पर भी कानून आए और घूंघट पर भी। मेरे घर में कोई बुर्का नहीं पहनता है। लेकिन, यदि बुर्के को लेकर कोई कानून आता है तो राजस्थान के घूंघट पर भी रोक लगानी चाहिए।
बम धामाकों पर बोली थी यह बात
गौरतलब है कि शिवसेना ने श्रीलंका बम धमाकों के बाद देश में बुर्के पर बैन लगाने की बात उठाई थी। बुर्के पर बैन को लेकर साध्वी प्रज्ञा ने भी शिवसेना के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर बुर्के पर फैसला लिया जाना चाहिए।
और क्या बोले थे अख्तर
-अख्तर ने यह भी कहा था कि मुझे पीएम मोदी और अमित शाह पसंद नहीं हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में प्रधानमंत्री जैसी कोई बात नहीं है।
-भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर पर कहा था कि आखिर भाजपा ने भोपाल के लोगों को समझा क्या है, जो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का उम्मीदवार बनाया है। इससे भाजपा की मानसिकता पता चली है।