जाम सांवली हनुमान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरज चौधरी पर अनियमितताओं के आरोप लग रहे थे। ट्रस्ट के 24 में से 17 सदस्यों ने 12 नए सदस्यों की सदस्यता पर आपत्ति जताते हुए अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा था। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दादारावजी बोबडे ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की।
याचिका पर सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए ट्रस्ट को भंग कर नियमावली को ख़ारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जाम सांवली हनुमान मंदिर ट्रस्ट सक्षम प्राधिकारी द्वारा पंजीकृत नहीं था।
कोर्ट के निर्णय के बाद ट्रस्ट के नए चुनाव और सदस्यों की नियुक्ति की जा सकती है। ट्रस्ट संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण, नए उप नियमों आदि की भी पहल की जाएगी।
ये है मामला
22 नवंबर 2023 को ट्रस्ट की प्रबंध कारिणी की बैठक के बाद अध्यक्ष ने नियम विरुद्ध 12 नए लोगों को आजीवन सदस्य बना दिया। इस प्रस्ताव को अनुविभागीय अधिकारी को भी भेज दिया जबकि नियमानुसार साधारण सभा की बैठक में बहुमत के आधार पर ही नए सदस्यों को जोड़ा जा सकता है। ट्रस्ट के कुप्रबंधन और अनियमितताओं के आरोपों से जुड़े होने से 24 में से 17 सदस्यों ने अध्यक्ष धीरज चौधरी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित किया।
अध्यक्ष के विरुद्ध पारित अविश्वास प्रस्ताव की वैधता को धीरज चौधरी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। बाद में दादाराव बोबडे ने याचिका लगाकर 1990 में ट्रस्ट के पंजीयन एवं नियमावली को स्वीकृति देने के अनुविभागीय अधिकारी, सौंसर के अधिकारों पर प्रश्न उठाया था।
अब आगे क्या
हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कलेक्टर पांढुर्णा द्वारा संस्थापक सदस्यों को लेकर ट्रस्ट का पंजीकरण कराया जाएगा। ट्रस्ट के लिए नई नियमावली बनाए जाएगी। नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे।