भोपाल

यहां की तरंग में होते थे भोपाल के सभी जलस्रोत के दर्शन

भोजवेट लैंड परियोजना के तहत शहर के जल स्त्रोत की कहानी बच्चों व युवा पीढ़ी को मनोंरजन के साथ बताने के लिए बनाए गए जल तरंग शुरू होने की योजना पर ग्रहण नजर आ रहा है।

भोपालJul 11, 2021 / 01:14 am

शकील खान

यहां की तरंग में होते थे भोपाल के सभी जलस्रोत के दर्शन

भोपाल. कभी यहां की तरंगों में भोपाल और इसके आसपास के सभी जलस्रोतों के दर्शन के साथ उनका ब्योरा मिल जाया करता था लेकिन महीनों से ये बंद हैं। हम बात कर रहे हैं जलतरंग सेंटर की। लंबे समय से ये बंद है। सुधार की तैयारी हुई तो तकनीकी ज्ञान आड़े आ गया।
भोजवेट लैंड परियोजना के तहत शहर के जल स्त्रोत की कहानी बच्चों व युवा पीढ़ी को मनोंरजन के साथ बताने के लिए बनाए गए जल तरंग शुरू होने की योजना पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। वन विहार मार्ग में बोट क्लब के सामने की पहाड़ी पर इसे बनाया गया था। अधिकांश समय इसका खूबसूरत भवन की एक हिस्से रेस्टोरेंट तक ही सीमित रहा।
इसके शुरू होने को लेकर एक साल से रिनोवेशन का काम लॉकडाउन में भी चलता रहा, लेकिन मार्च में पूरा होने वाला करीब चालीस लाख का सिविल वर्क भी तकनीकी टीम के यहां न पहुंचने से अधूरा है। पड़ताल में सामने आया कि रिनोवेशन में सिविल वर्क विकास तो हो चुका है।
टेंडर हो चुका है सुधारने वालों का इंतजार
अंदर की पुताई अब तक नहीं हुई। इसी तरह तकनीकी काम का टेंडर भी हो चुका है, लेकिन इसकी टीम ने काम ही शुरू नहीं किया । सिविल ठेकेदार का कहना है कि अंदर कैसी व्यवस्था तकनीकी कंपनी को चाहिए। उसके बताने पर ही तो अंदर का काम पूरा हो सकेगा।
महामारी के चलते रुकावट
सिविल वर्क में सिर्फ अंदर कुछ काम तकनीकी ठेका कंपनी के हिसाब से होने के कारण रुका है। टेंडर हो चुका है। महामारी के चलते बाहर इसमें रुकावट आई है।
संतोष शुक्ला, केयरटेकर, जलतरंग

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