एमपी देश में नए आईटी हब के रूप में तेजी से उभर रहा है। राज्य को अपनी नई नीतियों का लाभ मिल रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 2 हजार से ज्यादा आईटी/आईटीईएस और ईएसडीएम यूनिट काम कर रहीं हैं। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर महानगर में ही एमपीएसईडीसी में पंजीकृत यूनिटों की संख्या 650 के पार पहुंच चुकी हैं। इन इकाइयों का सालाना टर्न ओवर 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पर पहुंच चुका है।
मुंबई, पुणे, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे मेट्रो की बजाए कई प्रमुख देश-विदेश की आईटी कंपनियां मध्यप्रदेश के इन तीनों शहरों का रुख कर रहीं हैं। प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। यहां देश की 50 से ज्यादा बड़ी आईटी और आईटीईएस यूनिट स्थापित हैं। हाल ये है कि आईटी से जुड़ी इन कंपनियों के माध्यम से प्रदेश से हर साल 500 मिलियन डॉलर का निर्यात हो रहा है।
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प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे के अनुसार प्रदेश में आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि किसी प्रदेश की प्रगति अब इस बात पर निर्भर करेगी कि वहां आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम सेक्टर में कितना निवेश किया जा रहा है। इस मानक पर एमपी अभी तक खरा उतरता दिखता है। एसीएस संजय दुबे, सागर की रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव में इस सेक्टर में निवेश के अवसरों पर प्रस्तुतीकरण भी दे चुके हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में ऐसी अनेक खासियतें हैं जोकि आईटी सेक्टर को लुभा रहीं हैं और भोपाल, इंदौर तथा ग्वालियर जैसे शहरों में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। प्रदेश में अधोसंरचनात्मक सुविधाएं और कनेक्टिविटी बेहतर हैं। यहां पर्याप्त कुशल और तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध हैं। उन्नत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ही प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों को सरकार खासी मदद मुहैया करा रही है। मध्यप्रदेश को आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 का भी खासा लाभ मिल रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार आईटी कंपनियों को एमपी इसलिए भी भा रहा है क्योंकि यहां अन्य राज्यों की तुलना में प्रदूषण बहुत कम है। इसके कारण न केवल यहां कारोबार करने में आसानी होती है बल्कि कार्य और जीवन संतुलन के लिए एमपी बेहतर जगह भी बन गया है।
एमपी से देश के किसी भी कोने में आसानी से पहुंचा जा सकता है। प्रदेश से 40 नेशनल हाईवे गुजरते हैं। इसके साथ ही प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित कुल 7 आधुनिक एयरपोर्ट हैं। यही वजह है कि आईटी, आईटीईएस, बीपीओ के लिए एमपी सबसे उपयुक्त स्थान बन गया है। प्रदेश के तीनों महानगरों में ऑडियो-विजुअल, एनिमेशन के साथ कई गेमिंग कंपनियां भी काम कर रही हैं।
एमपी ऐसे बना आईटी हब
— एमपी में 5 आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन
— एमपी में 15 आईटी पार्क
— इनसे डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को मिला रोजगार
— इंदौर में आईआईटी और आईआईएम
— ग्वालियर में आईआईआईटी
— जबलपुर में आईआईटीडीएम
ये सुविधाएं भी उपलब्ध
— एमपी में 300 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं।
— भोपाल में एम्स
— 1200 से अधिक तकनीकी स्टार्ट-अप
— दो यूनिकॉर्न कंपनी “नीव क्लाउड और शॉप किराना”