भोपाल

जिस IPS को कैलाश विजयवर्गीय ने दिखाए थे जूते, उसने 25 साल बाद खुद बताई इस तस्वीर की सच्चाई

एनएसजी आईजी प्रमोद फलणीकर ने कैलाश विजवर्गीय के जूते ताने हुए तस्वीर की बताई सच्चाई

भोपालJun 30, 2019 / 07:00 pm

Muneshwar Kumar

IPS pramod phalnikar

 
भोपाल. बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ( Aakash vijayvargiya ) की करतूत के बाद उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) की भी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। उस तस्वीर में कैलाश विजयवर्गीय ने एक अफसर के ऊपर जूते ( kailash shows shoe ) ताने हुए दिखाई दे रहे हैं। उस अफसर का नाम प्रमोद फलणीकर ( IPS pramod phalnikar ) है, अभी एनएसजी में आईजी हैं। प्रमोद फलणीकर ने खुद अब इस तस्वीर की सच्चाई बताई है। हालांकि इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी मानते हैं कि कैलाश ने जूते मारने के लिए ही उठाए थे।
 

बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की एक तस्वीर उनके बेटे की गुंडागर्दी के बाद लोग खूब शेयर कर रहे थे। साथ ही इस तस्वीर को शेयर कर बेटे आकाश से उनकी तुलना कर रहे थे। ये तस्वीर आज से करीब 25 साल पुरानी है। जिस अफसर को कैलाश विजयवर्गीय जूते दिखा रहे हैं, वो प्रमोद फलणीकर हैं। 1994 में फलणीकर की पोस्टिंग इंदौर में ही थी।
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क्या कहा जा रहा है तस्वीर को लेकर
दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय आईपीएस प्रमोद फलणीकर के ऊपर जूता ताने हुए हैं। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को यह कहकर शेयर किया जा रहा है कि इस आईपीएस की विजयवर्गीय ने 1994 में पिटाई की थी। साथ ही कई तरह की बातें की जा रही हैं।

प्रमोद फलणीकर ने बताई सच्चाई
तस्वीर में दिख रहे आईपीएस प्रमोद फलणीकर अभी एनएसजी में बतौर आईजी पोस्टेड हैं। तस्वीर वायरल होने के बाद उन्होंने इसकी सच्चाई बताई है। प्रमोद फलणीकर ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को गलत तरीके से पेश की जा रही है। अगर कोई किसी पर हमला करता है तो उस इंसान के चेहरे पर तनाव होता है। वहीं, अगर किसी पुलिस अधिकारी पर हमला होगा तो दूसरे अधिकारी शांत से खड़ा नहीं रहेंगे।
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आईपीएस प्रमोद फलणीकर ने कहा कि अगर आप उस फोटो को गौर देखेंगे तो आपको दिखेगा कि कोई भी व्यक्ति तनाव में नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय मुझे धमकी नहीं दे रहे थे। साथ ही कोई भी अधिकारी वहां तनाव में नहीं दिख रहा है।
https://twitter.com/ANI/status/1144967519834443777?ref_src=twsrc%5Etfw

फिर कैलाश ने जूता क्यों निकाला
प्रमोद फलणीकर ने बताया कि कैलाश विजयवर्गीय वहां पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। मैं वहां उनका धरना खत्म करवाने गया था। तब उन्होंने कहा था कि आपके कहने पर मैं धरना खत्म कर रहा हूं। नगर निगम के चक्कर लगाते-लगाते जूता घिस गया है। आईपीएस ने कहा कि फोटो के वायरल होने से मैं बहुत दुखी हूं।
 

क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी
वहीं, इस घटना के गवाह रहे कुछ लोग मानते हैं कि ये घटना सही है। कैलाश विजयवर्गीय ने आईपीएस पर जूते मारने के लिए ही उठाए थे लेकिन वे मारे नहीं थे। ये घटना साल 1994 की है। जब कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के यशवंत रोड पर धरना दे रहे थे। वे आईपीएस को जूता मारने के लिए बढ़े थे लेकिन उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया था।

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