नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन का हवाला देकर ट्रैफिक पुलिस ने नर्मदापुरम रोड के वीर सावरकर सेतु से 11 मील तक के हिस्से में शहर का सबसे बड़ा एक्सीडेंटल पॉइंट घोषित किया है। बीसीएलएल द्वारा संचालित बीआरटीएस डेडिकेटेड एवं मिक्स लेन सहित सर्विस रोड को आम ट्रैफिक के लिए खतरनाक बताया है। अनियंत्रित यातायात और बीआरटीएस को पैदल पार करने के दौरान होने वाली मौतों के लिए ट्रैफिक पुलिस ने बिगड़े हुए डिजाइन को जिम्मेदार माना है।
भविष्य में और मौतें न हों इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए दानिश नगर चौराहा एवं चिनार फॉच्र्यून कैंपस टर्निंग को बंद करने की अनुमति मांगी है। आशिमा मॉल के सामने एक जंक्शन चौराहा रोटरी की शक्ल में बनाने का प्रस्ताव दिया है। ट्रैफिक पुलिस के प्रस्ताव पर नगरीय प्रशासन विभाग की सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है।
जल्द ही निर्माण एजेंसियों से काम कराया जाएगा। नर्मदापुरम रोड पर पिछले साल 26 जुलाई की रात हादसा हुआ था। बरसात की रात में यहां तेज रफ्तार से भाग रही कार चिनार फॉरच्यून टर्निंग पॉइंट पर रिवर्स ले रहे ट्रक के पीछे घुस गई थी। इसमें चार की मौत हो गई थी।
पांच साल में सामने आईं ये दिक्कतें
– फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों के जमाने में बीआरटीएस की कुल 20 मीटर चौड़ी सड़क को तीन भागों में बांटा गया है।
– बीच वाली सड़क को लो फ्लोर बसों के लिए डेडिकेटेट लेन घोषित किया गया है। इस लेन के दोनों तरफ सामान्य वाहनों के चलने के लिए महज 10 मीटर संकरी सड़कें मौजूद हैं।
– मिसरोद से सावरकर सेतु के बीच बीयू के सामने, बागसेवनियां थाने के सामने, दानिश नगर, चिनार फॉरच्यून, शनि मंदिर, मिसरोद थाने तक डेडिकेटेड लेन में कट पाइंट हैं। यहां से वाहनों के मुडऩे के दौरान गंभीर हादसे लगातार हो
रहे हैं।
– आरकेएमपी स्टेशन से एमपी नगर तक टुकड़ों में डेडिकेटेड लेन है, जो ज्यादातर वक्त खाली रहती है। जबकि, बगल की दोनों सड़कों पर जाम के हालात बने रहते हैं।
– फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों के जमाने में बीआरटीएस की कुल 20 मीटर चौड़ी सड़क को तीन भागों में बांटा गया है।
– बीच वाली सड़क को लो फ्लोर बसों के लिए डेडिकेटेट लेन घोषित किया गया है। इस लेन के दोनों तरफ सामान्य वाहनों के चलने के लिए महज 10 मीटर संकरी सड़कें मौजूद हैं।
– मिसरोद से सावरकर सेतु के बीच बीयू के सामने, बागसेवनियां थाने के सामने, दानिश नगर, चिनार फॉरच्यून, शनि मंदिर, मिसरोद थाने तक डेडिकेटेड लेन में कट पाइंट हैं। यहां से वाहनों के मुडऩे के दौरान गंभीर हादसे लगातार हो
रहे हैं।
– आरकेएमपी स्टेशन से एमपी नगर तक टुकड़ों में डेडिकेटेड लेन है, जो ज्यादातर वक्त खाली रहती है। जबकि, बगल की दोनों सड़कों पर जाम के हालात बने रहते हैं।
एनएचएआइ की गाइडलाइन
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी हाईवे पर 1 साल के अंदर 6 से ज्यादा दुर्घटनाएं होने पर उसे एक्सीडेंटल पॉइंट घोषित कर दिया जाता है। गाइडलाइन यह कहती है कि किसी भी हाईवे पर एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का टर्निंग या कट पॉइंट मौजूद नहीं होना चाहिए।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी हाईवे पर 1 साल के अंदर 6 से ज्यादा दुर्घटनाएं होने पर उसे एक्सीडेंटल पॉइंट घोषित कर दिया जाता है। गाइडलाइन यह कहती है कि किसी भी हाईवे पर एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का टर्निंग या कट पॉइंट मौजूद नहीं होना चाहिए।
इन सब के विपरीत नर्मदापुरम रोड पर हर कदम पर कट पाइंट बनाए गए हैं। मिसरोद एवं बागसेवनिया थाना सहित बैरागढ़ इलाके में बीते पांच साल में पचास से ज्यादा मौतें बीआरटीएस पर दुर्घटनाओं में दर्ज की गई हैं।
दानिश एवं चिनार कट पाइंट बंद करने एवं आशिमा मॉल पर जंक्शन चौराहा तत्काल बनाने की जरूरत है। इस पर सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है। इससे यहां एक्सीडेंटल स्पॉट खत्म किए जा सकेंगे।
– संदीप दीक्षित, एडीशनल डीसीपी, ट्रैफिक