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इन्हें मिला दूसरा और तीसरा स्थान
लोकायुक्त की रिपोर्ट में दूसरे स्थान पर पंचायत एवं सहकारिता विभाग और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश पुलिस विभाग को स्थान दिया गया है। लोकायुक्त की ताजा रिपोर्ट में इस साल एक जनवरी से पांच दिसंबर तक 294 एफआईआर (FIR) दर्ज हुई है। वहीं, राजस्व विभाग की बात करें तो, ये सरकार का सबसे महत्वपूर्ण विभाग है, जिसमें जमीन से जुड़े कामकाज शामिल हैं, लेकिन इस विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होते हैं। लोकायुक्त ने जितनी भी एफआईआर दर्ज की, उसमें सबसे ज्यादा मामले राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के सामने आए हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें भी लोकायुक्त के पास इसी विभाग की पहुंचती हैं। आपको याद होगा कि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने सितंबर में कहा था कि ‘कलेक्टर साहब आपके 100 फीसदी पटवारी रिश्वत लेते हैं, इन पर आप लगाम कसिए। मंत्री के इस बयान के बाद पटवारी खासे नाराज हुए, जिसके बाद मंत्री को माफी मांगनी पड़ी थी।
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रिपोर्ट की प्रमुख बातें