देश को रक्षा उत्पाद के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारा डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) आकार ले रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमपी के दतिया और मुरैना में इस क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं से अवगत कराते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इन दोनों सीमावर्ती जिलों को भी यूपीडीआईसी से जोड़ने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजनाथ सिंह को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा मध्यप्रदेश में रक्षा क्षेत्र में निवेश करने की मंशा जताने से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रक्षा मंत्री को बताया कि उनके बेंगलुरु दौरे में यह बात सामने आई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस निवेश को स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।
सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा दतिया और मुरैना को डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में शामिल करने का प्रस्ताव भी यदि स्वीकृत हो जाता है तो इन जिलों की तस्वीर ही बदल जाएगी। दरअसल भारत एक प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादों के बाजार के रूप में उभर रहा है। देश में 2025 तक 250 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की रक्षा आवश्यकताओं का अनुमान है।
इतने बड़े बाजार से जुड़ने की योजना से दतिया और मुरैना के आसपास के इलाकों की भी कायापलट होने की संभावना है। भारत की रक्षा जरूरतों में सैन्य विमानों, हेलीकॉप्टरों, पनडुब्बियों और भूमि प्रणालियों के साथ आधुनिक हथियारों और सेंसर तक शामिल हैं।
बता दें कि एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए भारत सरकार ने 2018-19 के केंद्रीय बजट में देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने की घोषणा की थी। इनमें से एक उत्तर प्रदेश में बन रहा है। यूपी देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है और प्रदेश की देश में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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उत्तरप्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) के तहत भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता को कम करने के लिए काम किया जा रहा है। यूपीडीआईसी में अभी 6 नोड्स – लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़ और चित्रकूट हैं जोकि दिल्ली को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज में हैं। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में यूपी सरकार वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रही है। इसके अंतर्गत मूलभूत संसाधनों जैसे सड़क, बिजली, पानी और सुरक्षा के उच्चस्तरीय प्रबंध किए जा रहे हैं।
सभी आधा दर्जन नोड्स में करीब 25 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव हैं जिनसे 40 हजार युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा। यूपीडा अधिकारियों के अनुसार यूपीडीआईसी के लिए अब तक 154 एमओयू हो चुके हैं। इसके लिए अब तक 16 सौ हेक्टेयर से ज्यादा जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है, 7 सौ हेक्टेयर जमीन तो 42 औद्योगिक समूहों को आवंटित भी हो गई है।