कोहरे के दौरान दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे लोको पायलट के लिए सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से आकलन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी परिस्थितियों में फॉग सेफ डिवाइस को लोको पायलट की मदद के लिए डिजाइन किया गया है। यह उपकरण सिग्नल की सटीक जानकारी देता है। साथ ही अलग स्थानों पर लगे सिग्नल को विशेष रूप से चेतावनी के साथ बताता है, जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से हो सके।
बढ़ जाएगी गति
जीपीएस आधारित फॉग सेफ डिवाइस के उपयोग ट्रेन की अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटा से बढ़कर अधिकतम अनुमेय गति 75 किमी प्रति घंटा हो जाती है। अर्थात पहले की तुलना में ट्रेनें कोहरे के दौरान 25 प्रतिशत ज्यादा गति से चल सकती हैं।
पायलट को करेगा अलर्ट
फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित उपकरण है, जो लोको पायलट को उनके मार्ग पर सिग्नलों और अन्य प्रमुख स्थानों की जानकारी देता है। यह उपकरण सिग्नल की दूरी और ट्रेन की गति को स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है। और लोको पायलट को अलर्ट देता है, जब ट्रेन किसी सिग्नल के करीब होती है। पटाखे से सिग्नल क्लियर
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि लोको पायलट को कोहरे के समय फॉग सेफ डिवाइस के साथ ट्रेनों की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा जरूरत के मुताबिक रफ्तार रखने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही सिग्नल की सूचना दर्शाने वाले बोर्ड पर चमकीली पट्टी लगाई जा रही है।
यह भी करना होगा
स्टेशन मास्टर को विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं। इससे स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी। जबकि, ट्रैकमैन द्वारा लोको पायलट को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश देते हुए पर्याह्रश्वत मात्रा में पटाखे उपलब्ध कराए गए हैं।