यह अपने तरह की देश की पहली मिक्स मॉडल वाली योजना होगी, जिसमें राज्य सरकार किसानों की सहमति से उनकी जमीन लेगी।
संबंधित किसान को उसकी जमीन के बाजार मूल्य से दोगुनी दर की 20 फीसदी नकद राशि और 80 फीसदी विकसित आवासीय प्लाट देगी।
मैग्निफिशिएंट एमपी समिट से पहले उधोग विभाग इस योजना का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने की तैयारी में है।
इस योजना का पॉयलट प्रोजेक्ट पीथमपुर में लागू किया जाएगा। दरअसल इस योजना को लागू करने की सैद्धांतिक सहमति कैबिनेट पहले ही दे चुकी है, लेकिन इस योजना के स्वरुप पर आगामी कैबिनेट में मुहर लगना है।
इंदौर एकेवीएन की पूरी तैयारी
इंदौर एकेवीएन ने इस योजना को लागू करने की पूरी तैयारी कर रखी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
पीथमपुर के 150 किसानों ने 1500 एकड़ जमीन लैंड पूलिंग योजना में देने की लिखित सहमति दी है।
यह जमीन इंदौर—अहमदाबाद नेशनल हाईवे और इंदौर—नीमच स्टेट हाईवे के बीच मौजूद है।
इस पर इंडस्ट्रीयल टाउनशिप डेवलप होने से दोनों हाईवे को लिंक किया जा सकेगा।
इनमें शॉपिंग कॉम्पलेक्स, मॉल, मल्टीप्लेक्स ऑफिस सहित अन्य निर्माण हो सकेगा।
किसान को यह होगा फायदा
किसान को 20 प्रतिशत नकद राशि के साथ 80 फीसदी आवासीय विकसित प्लाट मिलेंगे।
इन्हें बेचकर किसान जमीन के कई गुना दाम वसूल कर सकेगा।
सरकार को यह होगा फायदा
सरकार के सामने उधोगों के लिए जमीन का संकट खत्म होगा।
इसके साथ कम पैसों में इंडस्ट्रीयल टाउनशिप विकसित हो जाएगी।
मध्यप्रदेश में आने वाले निवेशकों में से 80 फीसदी निवेशक इंदौर में जमीन मांगते हैं।
पीथमपुर में 1200 एकड़ में बना स्मार्ट पार्क में 80 फीसदी जमीन आवंटित हो चुकी है।
ऐेसे में लैंड पूलिंग योजना से नई इंडस्ट्रीयल टाउनशिप डेवलप हो सकेगी।
उधोगों को फायदा
उधोगों को अब तक इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में सिर्फ इंडस्ट्रीयल उपयोग के लिए जमीन मिलती थी।
अब उसे इंडस्ट्री के साथ अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास के लिए भी जमीन उपलब्ध होगी।