patrika.com पर प्रस्तुत है प्रदेश के राज्यपक्षी दूधराज के बारे में…।
1985 में दूधराज को मध्यप्रदेश का राज्यपक्षी (state bird of madhya pradesh) घोषित किया गया था। अंग्रेजी में इसे इंडियन पैराडाइज फ्लाइकैचर कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम टेरसीफोन पैरादिसी (Terpsiphone paradise) है। कुछ लोग सुल्ताना बुलबुल भी कहते हैं। दूधराज घने जंगलों और आबादी के आसपास पाया जाता है। राजधानी भोपाल स्थित रामसर साइट पर यह अक्सर नजर आ जाता है। भोपाल के बड़े तालाब के आसपास के जंगलों में यह देखा जा सकता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के नेशनल पार्क में भी इसका ठिकाना है।
इस समय नेस्टिंग का समय
नेशनल पार्क वन विहार के सेवानिवृत्त फारेस्ट अधिकारी सुदेश वाघमेरे (sudesh waghmare) बताते है कि नर पक्षी सफेद और गेरुए रंग का होता है। नर की पूंछ लंबी होती है। यह डेढ़ फीट की होती है। जो ढाई साल तक गेरुए रंग की होती है, उसके बाद सफेद रंग को ही जाती है। इसके ऊपर का हिस्सा काला होता है। यह इतना सफेद होता है कि इसे दूधराज कहा जाने लगा। वाघमारे के मुताबिक यह पूरे मध्यप्रदेश जंगल और आबादी वाले क्षेत्रों के करीब देखने को मिल जाता है। इसका मूवमेंट इतना तेज होता है कि यह लोगों की नजर में बहुत कम समय के लिए दिख पाता है। इसके माता की बाद करें तो यह किसी पेड़ की तिकोनी शाखा पर अपना घोंसला बनाती है। फिलहाल यह दूधराज का नेस्टिंग का पीरियड है और इस वक्त नए दूधराज जन्म ले चुके हैं। भोपाल के नेशनल पार्क वन विहार में भी यह दो स्थानों पर नजर आता है।
एक नजरः दूधराज के बारे में
आकर्षक होता है नर पक्षी
अन्य देशों में भी दिखता है दूधराज
मध्य प्रदेश का राज्य पक्षी दूधराज मध्यप्रदेश के अलावा अन्य देशों में भी दिखाई देता है। भारत के अन्य राज्यों में, तुर्किस्तान, श्रीलंका, मलेशिया में भी नजर आता है।
लगातार अध्ययन करती है सरकार
मध्यप्रदेश के राज्यपक्षी दूधराज के बारे में मध्यप्रदेश सरकार लगातार अध्ययन कर रही है। इसके लिए उसने 10 लाख का बजट भी मंजूर किया है।