कहने को तो विवि में करोड़ों का सेंटर तैयार हो चुका है, लेकिन छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक स्टार्टअप शुरू करने के लिए आरजीपीवी हर साल 25 टीमों को एक-एक लाख रुपए (सीड मनी) की राशि देता है, लेकिन छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप कैसे खड़ा करना है। स्टार्टअप के लिए जगह आदि की मदद विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रही है। इसका लाभ केवल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि इससे संबंद्ध कॉलेजों में पढऩे वाले लगभग 2 लाख विद्यार्थियों मिलना था।
-कंपनी रजिस्टर सीईओ ही नहीं
इंक्यूबेशन सेंटर के लिए 2021 से आरजीपीवी इनोवेशन स्टार्टअप एंड आंत्रप्रेन्योरशिप सेंटर (राइज) नाम से कंपनी रजिस्टर की गई है। इसके सीएमडी कुलपति प्रो. सुनील कुमार हैं। यानि सीधा होल्ड कुलपति का ही है। लेकिन स्टूडेंट्स की गतिविधि शुरू नहीं हो पा रही हैं। सीईओ नियुक्त करने के लिए भी 2021 से कार्रवाई की जा रही है। इस सेंटर की सुविधा छात्रों को कब से मिलेगी? इसका जवाब कुलपति के पास नहीं है।