यदि आप मकान मालिक हैं, तो अभी से सावधान हो जाना जरूरी है। क्योंकि आयकर विभाग आपके ऊपर सख्ती करने जा रहा है। इस संकट से भी बचा जा सकता है। mp.patrika.com आपको बता रहा है कि इस आने वाले संकट से कैसे बचा जाए और क्या हैं इसके तरीके।
भोपाल में हजारों हैं मकान मालिक मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़ी संख्या में शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों को सरकारी क्वार्टर हैं। ऐसे ही कई सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने भोपाल और उसके आसपास मकान भी बनवा लिए हैं। इसके अलावा कई लोगों के एक से अधिक मकान होने के कारण वे उसे किराए पर देते हैं। इस स्थिति में किराए की रकम को भी उनकी आय में जोड़कर टैक्स लगाने के लिए आयकर विभाग ने तैयारी कर ली है। भोपाल में भी मकान मालिकों की सूची बनाई जा रही है।
किराएदारों के लिए यह है खास
-किराए की राशि पर आयकर छूट पाने के लिए मकान मालिक का पेन कार्ड नंबर देना अनिवार्य होगा।
-इसके जरिए मकान मालिक के आयकर रिटर्न में किराए की राशि का रिकार्ड तलाशा जा सकेगा।
-आयकर विभाग की जांच में कई बार सामने आया है कि जिन व्यक्तियों को किराए की रकम दी गई बताया जाता है, वे अपने रिटर्न में इसको नहीं दिखाते हैं।
-जो व्यक्ति दुकान, मकान, फैक्टरी, वाहन अथवा किसी अन्य मद में किराया दिया जाना बताते हैं, उन्हें मकान मालिक का पेन कार्ड नंबर भी देना होगा। आयकर विभाग को यह बताना होगा कि किस पेन कार्ड नंबर के धारक को किराया दिया गया है।
-किराए की राशि पर आयकर छूट पाने के लिए मकान मालिक का पेन कार्ड नंबर देना अनिवार्य होगा।
-इसके जरिए मकान मालिक के आयकर रिटर्न में किराए की राशि का रिकार्ड तलाशा जा सकेगा।
-आयकर विभाग की जांच में कई बार सामने आया है कि जिन व्यक्तियों को किराए की रकम दी गई बताया जाता है, वे अपने रिटर्न में इसको नहीं दिखाते हैं।
-जो व्यक्ति दुकान, मकान, फैक्टरी, वाहन अथवा किसी अन्य मद में किराया दिया जाना बताते हैं, उन्हें मकान मालिक का पेन कार्ड नंबर भी देना होगा। आयकर विभाग को यह बताना होगा कि किस पेन कार्ड नंबर के धारक को किराया दिया गया है।
रतलाम जिले में शुरू हुई कार्रवाई रतलाम रेंज सहित मध्यप्रदेश में आवास को किराए से देकर कमाई करने वालों पर अब आयकर विभाग की नजर पड़ी है। आयकर
विभाग ने वर्ष असेसमेंट वर्ष 2018-19 व वित्त वर्ष 2017-18 के आयकर रिटर्न फॉर्म में इस बार व्यक्तिगत रुप से करदाताओं को आवास से कमाई का पूरा हिसाब देने को कहा है। इसके अलावा रेंज में ये जानकारी भी जुटा रहा हैं कि कुल कितने आवास किराए से चल रहे हैं।
विभाग ने वर्ष असेसमेंट वर्ष 2018-19 व वित्त वर्ष 2017-18 के आयकर रिटर्न फॉर्म में इस बार व्यक्तिगत रुप से करदाताओं को आवास से कमाई का पूरा हिसाब देने को कहा है। इसके अलावा रेंज में ये जानकारी भी जुटा रहा हैं कि कुल कितने आवास किराए से चल रहे हैं।
पुलिस भी करेगी मदद
पुलिस व निकायों से इस मामले में मदद मांगी जा रही है। इसके लिए निकायों को पत्र भी लिखे जाने वाले है। अब करदाताओं ने आयकर जमा कराने के दौरान ये भी बताना होगा कि उन्होंने अपना मकान किराए से दिया है या नहीं। अगर आवास किराए से दिया है तो उससे सालाना होने वाली आय के बारे में जानकारी देना होगी। इससे उनको ये बताया जाएगा कि उनकी कमाई कर की श्रेणी में आती है या नहीं।
पुलिस व निकायों से इस मामले में मदद मांगी जा रही है। इसके लिए निकायों को पत्र भी लिखे जाने वाले है। अब करदाताओं ने आयकर जमा कराने के दौरान ये भी बताना होगा कि उन्होंने अपना मकान किराए से दिया है या नहीं। अगर आवास किराए से दिया है तो उससे सालाना होने वाली आय के बारे में जानकारी देना होगी। इससे उनको ये बताया जाएगा कि उनकी कमाई कर की श्रेणी में आती है या नहीं।
2 से लिया आईटीआर-1 में
असल में संपत्ति के बारे में इस तरह की जानकारी पहले भी मांगी जाती थी। तब आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-2 में इसको लिया जाता था। अब इसको आईटीआर-2 से हटाकर आईटीआर-1 में जोड़ा गया है। आमतौर पर आयकर विभाग आईटीआर-1 फॉर्म को सहज कहता है। इसमे आवास का किराया व उसका ब्याज मिलकर 50 लाख रुपए तक होता है तो कर जमा करना होगा।
असल में संपत्ति के बारे में इस तरह की जानकारी पहले भी मांगी जाती थी। तब आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-2 में इसको लिया जाता था। अब इसको आईटीआर-2 से हटाकर आईटीआर-1 में जोड़ा गया है। आमतौर पर आयकर विभाग आईटीआर-1 फॉर्म को सहज कहता है। इसमे आवास का किराया व उसका ब्याज मिलकर 50 लाख रुपए तक होता है तो कर जमा करना होगा।
इसी प्रकार आवास खरीदने को लिए गए कर्ज पर ब्याज की जानकारी भी आयकर के रिटर्न में भरना होगी। असल में विभाग के अनुसार लंबे समय से इस नियम के होने के बाद भी इससे होने वाली आय पर कर नहीं दिया जा रहा था। इसके बाद ही अब इस और ध्यान दिया जाएगा। ये करेगा अब विभागविभाग रेंज में अब नगरीय निकायों को पत्र तो लिखेगा इसके साथ पुलिस से भी जानकारी लेगा कि उनके पास कितने आवास किराए से होने की सूचना है। इसके लिए रेंज कार्यालय में तैयारी की जा रही है। इसके अलावा निकाय से ये जानकारी भी मांगी जा रही है कि आवास पर कितना कर निकायों को दिया गया है।
फिलहाल जानकारी जुटा रहे हैं
आयकर में नियम बदल गए है। नए नियमों के अनुसार अब मकान किराए से दिया तो इस पर होने वाली आय पर कर देना होगा। हम फिलहाल रेंज में कितने आवास किराए से दिए गए हैं, इसकी जानकारी ले रहे हैं।
– सतीश सोलंकी, संयुक्त आयकर आयुक्त, रतलाम रेंज
आयकर में नियम बदल गए है। नए नियमों के अनुसार अब मकान किराए से दिया तो इस पर होने वाली आय पर कर देना होगा। हम फिलहाल रेंज में कितने आवास किराए से दिए गए हैं, इसकी जानकारी ले रहे हैं।
– सतीश सोलंकी, संयुक्त आयकर आयुक्त, रतलाम रेंज