पवित्र सावन माह की शुरुआत रविवार से होगी। पूरे महीने श्रद्धालु शिव आराधना करेंगे। शहर के शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, विशेष शृंगार होगा और कई आयोजन किए जाएंगे। इस बार सावन में चार सोमवार होंगे। सावन के आगमन के चलते शहर में उत्साह बढ़ गया है। सुबह से ही शहर में भोलेनाथ के जयकारों के साथ बम-बम भोले, जय भोलेनाथ के जयघोष सुनाई देंगे। शहर के मंदिरों में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर अलग-अलग स्वरूपों में शृंगार किया जाएगा। शहर के शिवालयों सहित अन्य मंदिरों में सावन की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
धार्मिक और प्राकृतिक महत्व का है महीना
पं. विष्णु राजौरिया ने बताया कि सावन माह का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है। यह भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह है। इस माह में शिव आराधना करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि सावन माह में भगवान भोलेनाथ प्रकृति में ही विद्यमान रहकर प्रकृति का लुफ्त उठाते हैं। क्षीर सागर में भगवान विष्णु के विश्राम के बाद चार माह तक सृष्टि की बागडोर भगवान भोलेनाथ के पास होती है। सावन माह में प्राकृतिक वस्तुएं बेल पत्र, धतुरा, फूल आदि अर्पित करने और पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजा अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के बीच होगे आयोजन
सावन में इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर के शिवालयों में पूरे माह विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। शहर के मंदिरों में मास्क लगाने के बाद ही सीमित संख्या में दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। बड़वाले महादेव मंदिर में पूरे सावन माह में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, साथ ही सीमित संख्या में दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह गुफा मंदिर, पिपलेश्वर मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, शिव भवानी मंदिर सहित अनेक मंदिरों में अनुष्ठान होंगे।