उन्होंने कहा कि 13 राज्यों की 3 लोकसभा और 29 विध ानसभा सीटों पर हुए उपचुनावो के नतीजों के अगले दिन केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की एक्साइज ड्यूटी में कमी, दीपावली का तोहफा नहीं होकर, यह तो जनता द्वारा इन उपचुनावो में देश भर में भाजपा को दिए गए सबक का परिणाम है। जिस मोदी सरकार में 6 वर्ष में पेट्रोल पर करीब 250 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ी है। वह 5 रुपये कम कर इसे दीपावली का तोहफा बता रहे हैं।
वर्ष 2014 में जब कच्चे तेल का भाव 105 डालर प्रति बैरल होने के बावजूद कांग्रेस सरकार में पेट्रोल का दाम 71 रुपये और डीजल का दाम 55 रुपये प्रति लीटर के क़रीब था, वही आज 2021 में भाजपा सरकार में कच्चे तेल की कीमत 82 डालर प्रति बैरल होने के बावजूद पेट्रोल 120 रुपये और डीज़ल 110 रुपये प्रति लीटर से भी ऊपर पहुंच चुका था।
यदि बात करें तो वर्ष 2021 में ही मोदी सरकार में पेट्रोल पर 28 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 26 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़े हैं। ऐसे में उस हिसाब से यह कमी बेहद कम है और जिस प्रकार से प्रतिदिन पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ रहे है , उस हिसाब से इस कमी का असर जल्द ही समाप्त हो जायेगा।
यदि बात करें तो वर्ष 2021 में ही मोदी सरकार में पेट्रोल पर 28 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 26 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़े हैं। ऐसे में उस हिसाब से यह कमी बेहद कम है और जिस प्रकार से प्रतिदिन पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ रहे है , उस हिसाब से इस कमी का असर जल्द ही समाप्त हो जायेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बात करें तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये और डीजल पर मात्र 3.56 रुपये थी। इस कमी के बाद भी अभी भी पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लग रही है।
रसोई गैस के दामों में भी कमी की जरूरत
अभी जनता को महंगाई से और राहत चाहिए तो भाजपा को आगामी चुनावो में भी कड़ा सबक सिखाना होगा। अभी रसोई गैस के दामों में भी कमी के निर्णय की आवश्यकता है क्योंकि उसके दाम भी आसमान छू रहे है। वही बात करें तो मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर 33% रेट ,4.50 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त कर ,1% सेस लगता है , वही डीजल पर 22% रेट ,3 रुपये अतिरिक्त कर व 1% सेंस लगता है। शिवराज सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 4% वैट घटाया है और अतिरिक्त कर में कमी है , जो कि बढ़ोतरी के अनुपात में काफी कम है।
अभी जनता को महंगाई से और राहत चाहिए तो भाजपा को आगामी चुनावो में भी कड़ा सबक सिखाना होगा। अभी रसोई गैस के दामों में भी कमी के निर्णय की आवश्यकता है क्योंकि उसके दाम भी आसमान छू रहे है। वही बात करें तो मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर 33% रेट ,4.50 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त कर ,1% सेस लगता है , वही डीजल पर 22% रेट ,3 रुपये अतिरिक्त कर व 1% सेंस लगता है। शिवराज सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 4% वैट घटाया है और अतिरिक्त कर में कमी है , जो कि बढ़ोतरी के अनुपात में काफी कम है।