दरअसल कोरोना के बाद केंद्र सरकार को मेडिकल स्टोर पर बिक रही दवाओं के रेट पर कंट्रोल करने के लिए एक मॉनीटरिंग अथॉर्टी की जरूरत महसूस हुई। सरकार ने दिल्ली स्तर पर एनपीपीए (नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइजिंग अथॉर्टी ) का गठन किया है। इसके नेतृत्व में राज्यों में मॉनीटरिंग अथॉर्टी का गठन किया जा रहा है।
प्रदेश में दवा के रेट पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं. मप्र पीएमआरयू भोपाल सहित प्रदेशभर में दवा के रेटों की मॉनीटरिंग करेगी. इस पर शिकायत करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800111255 है. दवाई महंगी देने पर कोई भी इस नंबर पर काल कर सकता है. संबंधित मेडिकल स्टोर पर सरकार कार्रवाई करेगी.
इधर शुक्रवार को मप्र पीएमआरयू की अलग-अलग टीमों ने आधा दर्जन अस्पतालों के अंदर खुली मेडिकल स्टोर की जांच कर उनका खरीद बिक्री रिकॉर्ड और पांच दवाओं के सैम्पल लिए. ड्रग इंस्पेक्टर कन्हैया लाल अग्रवाल, धर्मेश बिगोनिया, वंदना कोष्टि, तबस्सुम मेरोठा सबसे पहले नेशनल हॉस्पिटल, नर्मदा हॉस्पिटल और नोबल अस्पताल पहुंचे.
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यहां से खरीद बिक्री का रिकॉर्ड लेने के बाद तीन और अस्पतालों से खरीद बिक्री का रिकॉर्ड मांगा. टीम ने अलग-अलग मेडिकल स्टोर से एस्कोरिल कफ सिरप, सर्दी खांसी, मौसमी बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवा का सैम्पल लिया. इसी प्रकार खांसी, एलर्जी की दवा विलकॉफ सिरप, गैस की दवा ऐंटाएसिड व अन्य दो और दवाओं के सैम्पल लिए गए हैं.