निगमायुक्त केवीएस चौधरी का कहना है कि निगम के 92 फीसदी संपत्तिकरदाताओं का टैक्स 20 हजार रुपए से कम है, इसलिए अधिभार का उन पर कोई प्रभाव नहीं होगा। आठ फीसदी पर इसका प्रभाव होगा और वे व्यवसायिक संपत्तियां व बड़ी आवासीय संपत्तियां हैं। चौधरी का कहना है कि इससे बड़े संपत्तिकरदाता दिसंबर तक ही टैक्स जमा कर देंगे, जिससे निगम की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
अब भोपाल नगर निगम अप्रैल से अगस्त तक संपत्तिकर जमा करने पर छह फीसदी छूट सभी के लिए जारी रखेगा। एक सितंबर से 31 दिसंबर तक टैक्स जमा करने पर न कोई छूट दी जाएगी, न कोई अधिभार लिया जाएगा। जितना टैक्स है वह राशि जमा करना होगी। एक जनवरी से 31 मार्च तक जिनका संपत्तिकर 20 हजार रुपए से कम है, उन्हें इसी स्थिति में रखते हुए छूट व अधिभार से मुक्त रखा जाएगा। 20 हजार रुपए से अधिक संपत्तिकर राशि है तो फिर एक जनवरी से 31 मार्च के बीच जमा करने पर तीन फीसदी अधिभार के साथ टैक्स जमा कराया जाएगा।
अन्य शहरों में ये स्थिति
इंदौर नगर निगम: एक जनवरी से 31 जनवरी तक पांच फीसदी, एक से 28 फरवरी तक 10 फीसदी व एक से 31 मार्च तक 15 फीसदी अधिभार। उज्जैन नगर निगम: प्रतिमाह एक फीसदी अधिभार, वित्तीय वर्ष में 24 फीसदी से अधिक न हो।
ग्वालियर नगर निगम: एक अक्टूबर से 2.5 फीसदी प्रतिमाह की दर से अधिभार।
जबलपुर नगर निगम: एक जनवरी से 31 मार्च तक 15 फीसदी अधिभार।
इंदौर नगर निगम: एक जनवरी से 31 जनवरी तक पांच फीसदी, एक से 28 फरवरी तक 10 फीसदी व एक से 31 मार्च तक 15 फीसदी अधिभार। उज्जैन नगर निगम: प्रतिमाह एक फीसदी अधिभार, वित्तीय वर्ष में 24 फीसदी से अधिक न हो।
ग्वालियर नगर निगम: एक अक्टूबर से 2.5 फीसदी प्रतिमाह की दर से अधिभार।
जबलपुर नगर निगम: एक जनवरी से 31 मार्च तक 15 फीसदी अधिभार।
20 हजार रुपए से अधिक राशि के संपत्तिकरदाता दिसंबर तक टैक्स जमा कर दें, इसके लिए संपत्तिकर आदेश में संशोधन किया है। 92 फीसदी संपत्तिकरदाता 20 हजार रुपए से कम वाले हैं, उन पर असर नहीं होगा। जिन आठ फीसदी पर असर होगा, वे बड़े व खासतौर पर व्यवसायिक दर वाले संपत्तिकरदाता हैं।
केवीएस चौधरी, निगमायुक्त
केवीएस चौधरी, निगमायुक्त