भोपाल

50 मीटर नाला बन जाएं तो बच सकता है लेडिय़ा तालाब

लेडिय़ा तालाब सीवेज का टैंक बनने से इससे आसपास रहने वाले करीब 15 हजार लोग प्रभावित है।

भोपालDec 09, 2023 / 07:59 pm

चन्द्र प्रकाश भारती

50 मीटर नाला बन जाएं तो बच सकता है लेडिय़ा तालाब

भोपाल. झीलों के शहर में खत्म होता तालाब कहीं देखना हो तो शाहजहानाबाद स्थित संजय नगर में लेडिय़ा तालाब को देखना चाहिए। जो सीवेज लाइनों से सीधे जुड़े होने के कारण सीवेज टैंक का रूप ले चुका है। इसके आसपास करीब 15 हजार की आबादी रहती है। लोगों का कहना है कि अगर तालाब में मिलते सीवेज के नालों को 50 मीटर आगे बढ़ा कर बना दिया जाएं तो तालाब का अस्तित्व बच सकता है,लेकिन एक दशक बाद भी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन ने एक दशक पहले तालाब की सुरक्षा को लेकर बाउंड्री तो बनाई,लेकिन सीवेज लाइन की समस्या हल नहीं की। जिसके कारण इस तालाब के आसपास रहने वाले नर्क जैसा जीवन जीने को मजबूर है।
कुएं और बोरिंग हो गए बेकार
लेडिय़ा तालाब मे पूरा वार्ड नम्बर 11 आता है। इसके अलावा वार्ड 10 भी लगता है। तालाब होने के कारण यहां पुराने समय से घर-घर मे कुंए है। इसके अलावा बसाहट होने पर यहां लोगों ने जब तालाब से सीवेज लाइन नहीं जुड़ी थी तो बोरिंग भी खूब करा ली थी। हाल यह है कि तालाब के सीवेज टैंक का रूप लेने से बोरिंग व कुंए का पानी अब लोग 20 फीसदी भी उपयोग में नहीं लेते है। यहां घर-घर में नल कनेक्शन देकर पानी की व्यवस्था की हुई है।

इनका कहना
यहां कुएं व बोरिंग की भरमार है,लेकिन भूजल तक दूषित होने से उसके पानी लोग पीने में उपयोग कहीं कर सकते। प्रशासन ने नल कनेक्शन तो यहां लगाएं। तालाब की ओर ध्यान देना छोड़ दिया है।
जितेंद्र गौतम, रहवासी व समाजसेवी
तालाब में जाने वाले नालों को मात्र 50 मीटर बढ़ाकर तालाब के आगे की सीवेज लाइन से जोड़ दिया जाएं तालाब साफ पानी से भर जाएं। इसके लिए पहले तालाब की नीचे बैठी गाद निकालनी होगी। बारिश का मौसम इसके लिए सबसे बढिय़ा समय है।
जमना प्रसाद, रहवासी व समाजसेवी

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