साइबर सेल में आइएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ (35) ने इस ठगी की एफआइआर दर्ज कराई है। साइबर सेल के मुताबिक जांगिड़ के साथ शराब की ऑनलाइन खरीदी में धोखाधड़ी हुई है। उनके पेटीएम खाते से 34 हजार रुपए धोखे से ले लिए गए। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
ऐसे बने ठगों का शिकार
जांगिड़ ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में बताया कि 10 नंबर वाइन शॉप पर उन्होंने वाट्सअप के जरिए कौन-कौन सी ब्रांड उपलब्ध है, उसके बारे में पूछताछ की थी। इसके बाद 9707637563 से मुझे फोन आया। आरोपी ने कहा कि आपका मैसेज मिला है आपको कौन-सा ब्रांड चाहिए। जांगिड़ ने आरोपी को Talisker और Aberlour की एक-एक बोतल देने को कहा। आरोपी ने Talisker (4400/-) और Aberlour (4150/-) समेत कुल 8550 रुपए कीमत बताई। इसे यूपीआई से भुगतान कर दिया। यह किसी ममता डुडवे के नाम से दर्ज था। उसके बाद आरोपी ने कहा कि हमारे खाते में पैसा नहीं आया है, आप दोबारा कर दीजिए। जांगीड़ ने दोबारा 8500 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद फिर आरोपी का फोन आया कि अब भी पैसा नहीं आया है। जो ट्रांजेक्शन अधूरा रह गया है वो ऑटो स्वेप होकर आपके खाते में दोबारा आ जाएगा। इसके बाद वाट्सअप पर क्यूआर कोड भेजा, जिस पर स्थानांतरण करने को कहा। क्यूआर कोड स्कैन करते ही 17 हजार रुपए भी खाते से निकल गए। इस प्रकार कुल 34 हजार स्थानांतरित हो गए।
बड़े अफसर पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
आइएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ जून माह में सुर्खियों में आ गए थे, जब वे बड़वानी में अपर कलेक्टर थे। उनका साढ़े चार वर्षों में 8 बार तबादला हो गया था। अपने तबादले से नाराज जांगिड़ ने प्रदेश के आइएएस अफसरों के एसोसिएशन के ग्रुप पर जो पोस्ट डाली थी, वो लीक हो गई थी। बड़वानी कलेक्टर के खिलाफ उन्होंने पोस्ट डाली थी। इसके बाद उन पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। उन्होंने कलेक्टर पर आरोप लगाया था कि कलेक्टर शिवराज वर्मा पैसा नहीं खा पा रहे हैं। जांगिड़ ने उन पर आक्सीजन कंस्ट्रेटर खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। प्रदेश में तबादलों से नाराज जांगिड़ ने पारिवारिक कारणों से महाराष्ट्र कैडर में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आवेदन किया था।
वाट्सअप स्टेटस पर भी तीखे तेवर
जून माह में अपने वाट्सअप स्टेटस के कारण भी लोकेश जांगीड़ काफी चर्चाओं में रहे। खासकर प्रदेश की आइएएस लॉबी में काफी दिनों तक इनके तीखे तेवरों की चर्चा होती रही। ईमानदारी एक महंगा शौक है, यह हर किसी के बस की बात नहीं…। एक अन्य स्टेटस में उन्होंने लिखा था कि मुझमें दस खामिया हां माफ कीजिए, पर अपने आईने भी तो कभी साफ कीजिए। हारा वही जो लड़ा नहीं, ईमानदारी तेरा किरदार है तो खुदकुसी कर लें, सियासत को तो जी-हुजुरी की आदत है।