एक-दूसरे को तकलीफ से बचाने के लिए कोर्ट तक पहुंचे थे
बरखेड़ी निवासी पत्नी की शिकायत थी कि पति की नौकरी से घर नहीं चल रहा है। आर्थिक तंगी के कारण तनाव रहता है। दोनों बेटियों को आगे अच्छी पढ़ाई देना चाहते हैं, खर्चे बढ़ रहे हैं। ऐसे में वो भी आर्थिक सहायता करना चाहती है। दूसरों के घरों में क्लीनिंग और कुकिंग का काम करना चाहती है। लेकिन पति इसके लिए मना कर देते हैं। दो साल से हर रोज इसी बात पर बहस होती है। वहीं पति ने कोर्ट में कहा कि मैं घर चलाने में सक्षम हूं। अगर कमी रह रही है तो नाइट शिफ्ट भी कर लूंगा। लेकिन अपनी घर की औरतों को बाहर नहीं भेजूंगा।
मेरी पत्नी अपाहिज है, उसके साथ लोग अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे। काउंसलिंग के बाद दोनों एक राय पर सहमत हुए। पति ने अपनी गलती मानते हुए पत्नी को काम करने की इजाजत दी। पत्नी ने कहा कि वो घर से ही अपना टिफिन सर्विस का बिजनेस शुरू करेगी। मामला बीते एक साल से कोर्ट में चल रहा था। इस दौरान चार काउंसलिंग हो चुकी है। लोक अदालत में भी मामला रखा गया था। हालांकि वहां समझौता नहीं हो पाया था।