वहीं कुछ जानकारों की माने तो इस समस्या को बढ़ाने में थोड़ा बहुत हाथ प्रदूषण का भी है। वहीं मध्यप्रदेश के ग्वालियर जैसे प्रदूषित शहरों में इस समस्या के और अधिक व तेजी से बढ़ने की संभवना बनी हुई है।
इस संबंध में डॉक्टर इन्दू गरेवाल का मानना है कि ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करते हुए या किताब, टीवी देखते हुए आपकी आंखे दर्द करने लगती है, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसे में आंखों की रोशनी कमजोर होने से आपकी आंखों पर चश्मा चढ़ जाता है।
वहीं डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि यदि कुछ लोगों को पहले से ही चश्मा चढ़ा हुआ है तो उनके लिए भी चश्में से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं, जिनका उपयोग कर वे अपनी आंखों को स्वस्थ्य रख सकते हैं। डॉ. राजकुमार के अनुसार आंखों की रोशनी बढ़ाने और चश्मा हटाने के कई घरेलू उपाय भी (Chasma hatane ke upay) जिनसे आप आसानी से चश्मे से छुटकारा पा सकते हैं।
ये हैं खास घरेलु उपाय…
(Home remedies Chasma Hatane Ke Gharelu Upay)
1. आंखों से स्ट्रेस दूर करने के लिए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगकर गर्मी पैदा करें। फिर आंखे बंद करके हथेलियों को आंखों पर रखें। इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि आंखों पर हाथ रखते पर रोशनी बिल्कुल ना आएं। दिन में ऐसा 3-4 बार करें।
2. इसके अलावा आंखों को आंवले के पानी से धोने या आंखों में गुलाब जल डालने से भी ये स्वस्थ रहती हैं।
3. आंखों के हर तरह के रोग जैसे पानी का गिरना, आंखे आना, आंखों की दुर्बलता आदि होने पर रात को 7-8 बादाम भिगोकर सुबह पीसकर पानी में मिलाकर पीएं।
(Home remedies Chasma Hatane Ke Gharelu Upay)
1. आंखों से स्ट्रेस दूर करने के लिए अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगकर गर्मी पैदा करें। फिर आंखे बंद करके हथेलियों को आंखों पर रखें। इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि आंखों पर हाथ रखते पर रोशनी बिल्कुल ना आएं। दिन में ऐसा 3-4 बार करें।
2. इसके अलावा आंखों को आंवले के पानी से धोने या आंखों में गुलाब जल डालने से भी ये स्वस्थ रहती हैं।
3. आंखों के हर तरह के रोग जैसे पानी का गिरना, आंखे आना, आंखों की दुर्बलता आदि होने पर रात को 7-8 बादाम भिगोकर सुबह पीसकर पानी में मिलाकर पीएं।
4. एक लीटर पानी को तांबे के जग में रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर इस पानी को पीएं। तांबे में रखा पानी शरीर विशेषकर आंखों को बहुत फायदा पहुंचाता है।
5. कान के ठीक पीछे यानि कनपटी पर गाय का घी की हल्के हाथ से रोजाना मसाज करने से आंखो की रोशनी बढ़ती है।
6. नींबू एवं गुलाब जल को समान मात्रा में मिलाकर 1-1घण्टे के अंतर में आंखो में डालने से आंखो में ठंडक मिलती है।
5. कान के ठीक पीछे यानि कनपटी पर गाय का घी की हल्के हाथ से रोजाना मसाज करने से आंखो की रोशनी बढ़ती है।
6. नींबू एवं गुलाब जल को समान मात्रा में मिलाकर 1-1घण्टे के अंतर में आंखो में डालने से आंखो में ठंडक मिलती है।
7. आंवले का मुरब्बा बनाने का दिन में दो बार खाएं इससे आंखों की रोशनी बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
8. एक चम्मच सौंफ दो बादाम और आधा चम्मच मिश्री पीस लें इसे रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध के साथ लें।
9. जीरे और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लें इसे रोजाना एक चम्मच घी के साथ खाएं।
8. एक चम्मच सौंफ दो बादाम और आधा चम्मच मिश्री पीस लें इसे रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध के साथ लें।
9. जीरे और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लें इसे रोजाना एक चम्मच घी के साथ खाएं।
10. पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।
11. केला, गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। गन्ने का रस पीएं। एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
12. तीन भाग धनिया के साथ एक भाग चीनी मिक्स करें। दोनों को पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इसे पानी में गर्म करें और एक घंटे के लिए कवर करके रख दें। फिर एक साफ कॉटन का कपड़ा लेकर इस मिश्रण को छान लें और आंखों में आई ड्रॉप की तरह इस्तेमाल करें।
13. बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
14. नियमित रूप से अंगूर खाएं, अंगूर के सेवन से रात में देखने की क्षमता बढ़ती है।
15. आंखों से चश्मा हटाने के लिए अपनी आँखों के आस पास अखरोट के तेल की मालिश करें इससे आँखों की रौशनी तेज होती है और आंखों से चश्मा भी उतर जाता है । यह बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय है।
11. केला, गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। गन्ने का रस पीएं। एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
12. तीन भाग धनिया के साथ एक भाग चीनी मिक्स करें। दोनों को पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इसे पानी में गर्म करें और एक घंटे के लिए कवर करके रख दें। फिर एक साफ कॉटन का कपड़ा लेकर इस मिश्रण को छान लें और आंखों में आई ड्रॉप की तरह इस्तेमाल करें।
13. बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
14. नियमित रूप से अंगूर खाएं, अंगूर के सेवन से रात में देखने की क्षमता बढ़ती है।
15. आंखों से चश्मा हटाने के लिए अपनी आँखों के आस पास अखरोट के तेल की मालिश करें इससे आँखों की रौशनी तेज होती है और आंखों से चश्मा भी उतर जाता है । यह बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय है।
16. आधुनिक लाइफस्टाइल में अनिद्रा की समस्या बहुत कॉमन है। अगर आप पूरी नींद नहीं लेंगे तो इसका असर आपकी आंखों पर भी पड़ेगा। जिससे आँखों के नीचे काले घेरे तो होंगे ही, साथ ही आंखों की रोशनी भी कम होगी। इसलिए एक दिन में 7-9 घंटे की नींद बहुत जरूरी है।
17. कुछ सेकंड के लिए घड़ी की दिशा में अपनी आँखें गोल घुमाए, और फिर कुछ सेकंड के लिए विपरीत दिशा में घुमाए और इसे चार या पांच बार दोहराएं।
18. सुबह के समय उठकर बिना कुल्ला किये मुंह की लार (saliva) अपनी आंखों में काजल की तरह लगाए। लगातार 6 महीने करते रहने पर चश्मे का नंबर कम हो जाता है।
17. कुछ सेकंड के लिए घड़ी की दिशा में अपनी आँखें गोल घुमाए, और फिर कुछ सेकंड के लिए विपरीत दिशा में घुमाए और इसे चार या पांच बार दोहराएं।
18. सुबह के समय उठकर बिना कुल्ला किये मुंह की लार (saliva) अपनी आंखों में काजल की तरह लगाए। लगातार 6 महीने करते रहने पर चश्मे का नंबर कम हो जाता है।
बच्चों के मामले में…
कई मामलों में विशेषकर बच्चों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि उन्हें आंखों की कोई समस्या है। चश्मा उतारने के घरेलू उपाय के बारे में जानने से पहले ये जान लें कि हमारा मस्तिष्क ही कुछ वर्षों तक आंखों को हुए नुकसान की भरपाई करता रहता है और धीरे-धीरे हम इसके आदी हो जाते हैं।
कई मामलों में विशेषकर बच्चों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि उन्हें आंखों की कोई समस्या है। चश्मा उतारने के घरेलू उपाय के बारे में जानने से पहले ये जान लें कि हमारा मस्तिष्क ही कुछ वर्षों तक आंखों को हुए नुकसान की भरपाई करता रहता है और धीरे-धीरे हम इसके आदी हो जाते हैं।
लेकिन, एक हद के बाद मस्तिष्क के लिए भी इस समस्या को संभाल पाना आसान नहीं होता। और कई बार तब तक समस्या काफी बढ़ चुकी होती है। नजर कमजोर हो, तो आपका बच्चा दुनिया के सभी रंगों का पूरा मजा नहीं ले पाता। भारत में भी अठारह वर्ष से कम आयु के करीब 41 फीसदी बच्चों को नेत्र संबंधी विकार हैं।
बच्चों में आंखों की समस्या (चश्मा उतारने के घरेलू उपाय)…
बच्चों में आंखों की कुछ समस्याओं को चिकित्सीय सहायता की जरूरत होती है। लेजी आई सिंड्रोम, भैंगापन, रतौंधी, रेटिनोपेथी, मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टीग्मटिजल आदि समस्याओं पर फौरन ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है। अगर इन रोगों के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान कर इसका निदान शुरू कर दिया जाए, तो काफी फायदा होता है।
बच्चों में आंखों की कुछ समस्याओं को चिकित्सीय सहायता की जरूरत होती है। लेजी आई सिंड्रोम, भैंगापन, रतौंधी, रेटिनोपेथी, मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टीग्मटिजल आदि समस्याओं पर फौरन ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है। अगर इन रोगों के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान कर इसका निदान शुरू कर दिया जाए, तो काफी फायदा होता है।
अनुवांशिक रोग भी (चश्मा उतारने के घरेलू उपाय)…
अपने बच्चे की आंखों में किसी भी प्रकार के बदलाव को ध्यान से महसूस करें। यदि बच्चे को एकाग्र या आंखों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही हो, तो आपको फौरन उसकी नेत्र जांच करवानी चाहिए।
अपने बच्चे की आंखों में किसी भी प्रकार के बदलाव को ध्यान से महसूस करें। यदि बच्चे को एकाग्र या आंखों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही हो, तो आपको फौरन उसकी नेत्र जांच करवानी चाहिए।
इतना ही नहीं अगर उसकी नजर कमजोर होने का आभास हो, तो आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए मायोपिया एक अनुवांशिक रोग है, जो माता-पिता से बच्चे को हो सकता है।
मायोपिया आंखों का रोग है इस रोग में व्यक्ति दूर की चीजों को ठीक तरह से नहीं देख पाता। अगर आप मायोपिया की जांच समय रहते करवा दें, तो आपके बच्चे को इस रोग से बचाया जा सकता है। बच्चा जब तक व्यस्क होता है, तब तक यह रोग और गंभीर हो जाता है।
बच्चे के लिए विटामिन…
विटामिन ए: विटामिन ए, रेटिना पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है। इससे आपके बच्चों की आंखों की सेहत अच्छी होती है। विटामिन ए की कमी बचपन में आंखों की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण होती है।
विटामिन ए: विटामिन ए, रेटिना पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है। इससे आपके बच्चों की आंखों की सेहत अच्छी होती है। विटामिन ए की कमी बचपन में आंखों की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण होती है।
जब शरीर में विटामिन ए की कमी होती है, तो आंखों के विभिन्न हिस्सों में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। विटामिन ए की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बच्चे को अंधेरे में देखने में दिक्कत होती है।
हमारे शरीर को विटामिन ए आहार से मिलता है। गाजर और दूध जैसे आहार विटामिन ए से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली आदि में भी विटामिन ए होता है।
विटामिन सी और ई : विटामिन सी और ई भी हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये विटामिन मोतिया और उम्र के मांसपेशियों पर पड़ने वाले असर को कम करते हैं। यह गंभीर स्थिति बच्चों को परेशान नहीं करती, लेकिन आप अगर अपने बच्चे को इन विटामिन से भरपूर आहार देते हैं, तो दीर्घकाल में आपके बच्चे की नजरों को लाभ ही होगा।
विटामिन सी आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। ब्रोकली, कीवी, संतरा, स्ट्राबेरी और गोभी आदि विटामिन सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। वहीं, गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी के बीज, बादाम और पीनट बटर आदि विटामिन ई के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।