वर्चुअल क्रेडिट कार्ड (VCC) का उपयोग
एक वर्चुअल क्रेडिट कार्ड (वीसीसी) प्रत्येक ऑनलाइन लेनदेन के लिए एक अद्वितीय, अस्थायी कार्ड नंबर उत्पन्न करके सुरक्षा बढ़ाता है। फिजिकल कार्डों से अलग यह आपके वास्तविक कार्ड डिटेल्स को शो नहीं करता है जिससे उन्हें चोरी होने से बचाया जा सकता है। यदि किसी वर्चुअल कार्ड नंबर से छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है जिससे धोखाधड़ी का जोखिम कम हो जाता है। वहीँ अगर डेबिट कार्ड की बात करे तो इसके लिए आप डेबिट कार्ड पर पैसे निकालने और खर्च करने की लिमिट रख सकते है जिससे अगर कोई अनहोनी हो भी गई तो आपका ज्यादा नुकसान न हो। इसके अलावा आपको अपने पेमेंट नोटिफिकेशन को भी हमेशा ऑन रखना होगा। यह भी पढ़े – हार के कुछ घंटों बाद रामनिवास रावत ने मंत्री के पद से दिया इस्तीफा
डिस्पोजेबल ईमेल आईडी बनाए
यह अस्थायी ईमेल आईडी खाते हैं जिन्हें जल्दी से बनाया जा सकता है और थोड़े समय के लिए उपयोग किया जा सकता है। इस ईमेल आईडी से आप आपने रियल ईमेल आईडी को हैक होने या फ्रॉड होने से बचा सकते है। इसे आपको उन जगहों में उपयोग करना चाहिए जहां रियल ईमेल आईडी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है।URL को चेक करे
भले ही कोई वेबसाइट प्रोफेशनल प्रतीत होती हो लेकिन उस पर क्लिक करने या उसमे जानकारी फीड करने से पहले आपको उसका URL चेक करना चाहिए। आपको उन सभी गैर-सुरक्षित वेबसाइटों से बचना चाहिए और केवल उन वेबसाइटों पर ही जाना चाहिए जिनके URL में “www” और डोमेन नाम से पहले “https://” है। उन धोखेबाज़ वेबसाइटों से सावधान रहें जिनके डोमेन नाम जाने-माने कपंनी के नाम से मिलते-जुलते हैं। यह भी पढ़े – ‘एक कार्यकर्ता’ पड़ गया भारी, भाजपा को ऐसे हुआ डबल नुकसान