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बोर्ड लग गया है- बेड फुल हैं
इलाज ना मिलने से तड़प-तड़प कर मरीज की दोपहर 3 बजे मौत हो गई। वहीं शुक्रवार को सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स भोपाल के बाहर बोर्ड लग गया है- बेड फुल हैं.. असुविधा के लिए खेद है। 4 दिन पहले ही एम्स को कोविड सेंटर घोषित किया गया था। यहां 550 बेड कोरोना मरीजों के लिए तैयार किए गए। अन्य मरीजों को या तो डिस्चार्ज कर दिया गया या फिर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
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सभी जगह है ऑक्सीजन की जरुरत
भोपाल के अस्पतालों को प्रतिदिन न्यूनतम 100 टन ऑक्सीजन की जरुरत है। जबकि आपूर्ति 80 टन से ज्यादा नहीं हो पा रही है। इधर, सीहोर में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच गुरुवार को जिला अस्पताल प्रबंधन ने 20 मरीजों को छुट्टी दे दी। सिविल सर्जन डॉ. आनंद शर्मा का कहना है कि गुरुवार रात 8 बजे 20 ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त हो गए हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता के आधार पर फिर से अस्पताल में भर्ती की जा रही है।