न्यायिक मजिस्टे्रट ज्योति राठोर की अदालत में शुक्रवार को फरियादी हीरालाल की ओर से जज के सामने बयान दर्ज कराने के लिए आवेदन दायर किया गया। इसमें बताया गया है कि हीरालाल बिना किसी डर दबाव के मजिस्टे्रट के सामने धारा 164 के अंतर्गत बयान दर्ज कराना चाहता है। अदालत ने मामले में सीआईडी से केस डायरी तलब कर सुनवाई के लिए शनिवार की तारीख तय की है।
इंदौर में हुए हनीटे्रप मामले के बाद भोपाल सीआईडी ने हीरालाल की शिकायत पर मानव तस्करी का एक अलग मुकदमा दर्ज किया था। पूर्व में हीरालाल ने बताया था कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। श्वेता जैन, बरखा भटनागर और अन्य ने बेटी मोनिका यादव को रूपये और पढाई का लालच देकर गिरोह में शामिल किया है। मोनिका हनीटे्रप मामले में जेल में बंद है।
सीआईडी ने शुरू की पूछताछ
हनी ट्रैप मामले की आरोपी महिलाओं से पांच दिन की रिमांड के पहले दिन सीआईडी-एसआईटी की टीम ने दिनभर पूछताछ की। सुबह करीब 12 बजे ही एसआईटी हेड व सायबर क्राइम डीजी राजेंद्र कुमार अपनी गाड़ी सायबर मुख्यालय में छोड़कर एसपी विकास नरवाल को आवंटित शासकीय वाहन से एसपी को साथ लेकर आरोपियों से पूछताछ के लिए रवाना हो गए। एसपी नरवाल के वाहन से ही राजेंद्र कुमार व एसपी अपराह्न 3.10 बजे सायबर मुख्यालय पहुंचे, लेकिन यहां से वे अपने वाहन में बैठकर फिर रवाना हो गए।
मीडिया को देखकर वह बचाव की मुद्रा में नजर आए। आरोपियों श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर सोनी और आरती दयाल से पहले दिन उनके पास से जब्त ऑडियो-वीडियो क्लिप का ट्रांसक्रिप्शन (ऑडियो-वीडियो को शब्दश: लिखना) किया गया। पूछताछ करने वाली टीम ने जब ट्रांसक्रिप्शन किया तो एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से श्वेता की घंटों बातचीत सामने आई, जिसमें अफसर बचाव के लहजे में श्वेता से बात कर रहे हैं। इस क्लिप को लेखनबद्ध किया गया तो बातचीत से 40 से अधिक पेज भर गए।