क्या है हनीट्रैप?
हनीट्रैप को शब्दों से मिलकर बना है। हनी और ट्रैप। हनी का मतलब शहद और ट्रैप का मतलब जाल होता है। सरल शब्दों मे कहें तो एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा भी नहीं होता कि वो कहां फंस गया है। खूबसूरत महिलाएं हाई प्रोफाइल लोगों को इसका शिकार बनाती हैं और उनसे मोटी रकम वसूल लेती हैं। इसके साथ-साथ ही ये महिलाएं अधइकारियों के माध्यम से बड़ी-बड़ी जानकारियां निकलकर अन्य लोगों तक भी पहुंचाती हैं।
दुश्मन देश भी करते हैं इसका प्रयोग
जानकारों का कहना है कि दुनिया का हर देश हर वक्त अपने दुश्मन की खुफिया जानकारी निकालने के लिए कई तरह की जासूसी करता है। हनीट्रेप भी एक तरह से जासूसी ही है। खुफिया जानकारी निकालने में हनीट्रैप महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है। खूबसूरत लड़कियां सेना के कई बड़े अधिकारियों को अपने जाल में फंसाकर उनसे खुफिया जानकारी निकाल लेती हैं।
जानकारों का कहना है कि दुनिया का हर देश हर वक्त अपने दुश्मन की खुफिया जानकारी निकालने के लिए कई तरह की जासूसी करता है। हनीट्रेप भी एक तरह से जासूसी ही है। खुफिया जानकारी निकालने में हनीट्रैप महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी अक्सर भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े लोगों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश करती रहती है। खूबसूरत लड़कियां सेना के कई बड़े अधिकारियों को अपने जाल में फंसाकर उनसे खुफिया जानकारी निकाल लेती हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के द्वारा भारतीय जवानों और अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर निजी जानकारियां निकलवाने की कोशिश करती है। अमरीका, चीन, रूस या फिर जापान कई देशों में हनीट्रैप के मामले सामने आते रहे हैं। इस जाल में अधिकारियों और जवानों को लड़की को लोभ दिखाकर फंसाया जाता है। ज्यादातर मामलों में ‘हनी ट्रैप’ से जुड़ी महिला पहले उस शख्स से दोस्ती करती है फिर दोस्ती की आड़ में उसके साथ सैक्स चैट, सैक्स या फिर और कई तरह के संबंध बनाती है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल तक करती हैं। हनीट्रैप के लिए देश की खुफिया एजेंसिया बकायदा महिला जासूसों को ये जिम्मेदारियां देती हैं। बदले में उन्हें एक बड़ी रकम दी जाती है।
सोशल मीडिया का लिया जाता है सहारा
सोशल मीडिया के जरिए हाई प्रोफाइल लोगों को ये लड़कियां अपने जाल में फंसाती हैं। फेक प्रोफाइल बनाकर भी ब्लैकमेल और खुफिया जानकारी निकाली जाती हैं। ये जरूरी नहीं कि सामने जो लड़की बातें कर रही है वो वास्तव में लड़की ही हो। कई बार पुरुष एजेंट, महिला बन कर बातें करते हैं। लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए मोबाइल नंबरों का आदान प्रदान भी किया जाता है और चैटिंग की जाती है। बाद में उनके साथ अश्लील फोटो या वीडियो क्लिक कर उन्हें वायरल करने की धमकी दी जाती है।