जागरुकता जरूरी
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सावधानी बरतने और सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है। एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। वायरस की जांच के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस पोलीमरेज चेन रिएक्शन) शामिल है।ऐसे फैलता है रोग
डॉ. सिंह ने कहा कि यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या दूषित सतहों को छूने के बाद आंख, नाक या मुंह को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। ये भी पढ़ें: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए इस बार दिलचस्प रेस, दिल्ली तक संपर्क की जुगाड़ ये भी पढ़ें: MP Weather Update: 48 घंटे में नया वेदर सिस्टम होगा एक्टिव, बारिश के भी आसार