राजधानी के स्कूलों में पिछले माह हुई तिमाही परीक्षा कराई गई। कक्षा दसवीं में 7875 बच्चों ने हिस्सा लिया। एक माह जारी रिजल्ट के मुताबिक इनमें से 3720 बच्चे ही पास हो पाए। परीक्षा परिणाम 47.24 रहा है। इन नतीजों पर अभिभावकों ने नाराजगी जताई। शिक्षकों ने इसके लिए विभाग को जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि बच्चों को पढ़ाने उन्हें मौका ही नहीं दिया गया।
नौंवी से लेकर 12वीं तक कराई गई थी तिमाही परीक्षा
चार कक्षाओं की तिमाही परीक्षा कराई गई थी। इसमें नौंवी से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों हिस्सा लिया था। हाई स्कूल के साथ बाकी कक्षाओं के नतीजे भी जारी कर दिए हैं। सबसे खराब स्थिति नौंवी में रही। इसमें 65 प्रतिशत स्टूडेंट फेल हुए। वहीं ग्यारहवीं में 33 तो बारहवीं में 38 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गए हैं। ये सरकारी स्कूलों की स्थिति है।जिन स्कूलों का कमजोर रिजल्ट वहां स्पेशल तैयारी
स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आगे की परीक्षा तैयारी इसी के आधार पर होगी। जिन स्कूलों में स्थिति ज्यादा खराब है वहां ज्यादा जोर दिया जाएगा।
ये रही स्थिति
कक्षा – शामिल विद्यार्थी – पास का प्रतिशत
नौंवी – 10966 – 44.47
दसवीं – 7875 – 47.24
ग्यारहवीं – 6988 – 65.66
बारहवीं – 5943 – 61.92
ये रही स्थिति
कक्षा – शामिल विद्यार्थी – पास का प्रतिशत
नौंवी – 10966 – 44.47
दसवीं – 7875 – 47.24
ग्यारहवीं – 6988 – 65.66
बारहवीं – 5943 – 61.92
परीक्षा परिणाम के आधार पर आगे की तैयारी कराई जाएगी। जहां पढ़ाई में बच्चे ज्यादा कमजोर हैं उन पर खास जोर दिया जाएगा। स्कूलवार जानकारी जुटाई जा रही है। तैयारी के लिए प्राचार्यों को निर्देशित किया जाएगा।
एनके अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
एनके अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी