अटल बिहारी वाजपेयी पर शोध करेगा हिन्दी विश्वविद्यालय, व्यक्तित्व और लीडरशिप रिसर्च का अहम हिस्सा
भोपाल. हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी पर शोध किया जाएगा। इसमें खासतौर पर अटल के जीवन के दो विषय रहेंगे, उनका व्यक्तितत और लीडरशिप की क्वालिटी, क्योंकि इन्हीं की वजह से उनका जन्मदिवस केन्द्र सरकार ने सुशासन दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। उनकी लीडरशिप ऐसी रही कि उनके राजनीतिक विरोधी भी उनकी बुराई नहीं कर पाते थे।
हिन्दी विश्वविद्यालय रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करने के बाद जीवनी के आधार पर तथ्य तलाश करेगा। उनसे जुड़े लोगों से भी बात की जाएगी। अटल का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में शिक्षक के यहां हुआ था। जिसके बाद जीवन की शुरुआत में शिक्षा और राजनीतिक सफर कैसे शुरू किया था। प्रबंधन ने बताया कि शोध प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए अभी रोडमैप तैयार किया गया है।
शोध का अहम हिस्सा व्यक्तित्व – केंद्र सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन को अपनाया है। मध्य प्रदेश में भी सभी विभाग में सुशासन का पालन राज्य सरकार कर रही है। खास तौर पर खुद अटल बिहारी ने अपने व्यक्तित्व को 35 साल की कठिन मेहनत से बनाया था। उनके व्यक्तित्व की वजह से पार्टी भी लगातार आगे बढ़ी।
लीडरशिप- राजनीतिक गलियारों में अक्सर अटल के मूल्यों की चर्चा भी विरोधी दल के नेता करते रहे हैं। माना गया है कि अटल की लीडरशिप के कारण उनके राजनीतिक विरोधी भी कभी बुराई नहीं करते थे और उनसे सौहार्दपूर्ण संबंध रखते थे। करीब 70 साल पहले अटल बिहारी ने अपना राजनीतिक सफर साल 1951 में शुरू किया था और देश के प्रधानमंत्री बने।
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